*पॉक्सो अदालत में पीड़िताओं ने आरोपियों की नहीं की पहचान,*

*पॉक्सो अदालत में पीड़िताओं ने आरोपियों की नहीं की पहचान,*

 

*दोनों बरी*

 

 

*गाजियाबाद, 30 जनवरी।* करीब छह साल पुराने छींटाकशी के एक मामले में पॉक्सो अदालत से दोनों आरोपियों को राहत मिल गई। पीड़िताओं द्वारा अदालत में आरोपियों की पहचान नहीं करने पर दोनों को बरी करने का आदेश दिया गया। अदालत से बरी के आदेश मिलते ही बाहर बैठे दोनों आरोपियों के परिजन खुश हो गए।

 

मामला मुरादनगर थाना क्षेत्र का है। यहां रहने वाले एक व्यक्ति ने मुरादनगर थाने में मई 2014 को मुकदमा लिखाया था। आरोप था कि तीन मई को उसकी नाबालिग बेटी और भतीजी रोज की तरह शाम में दूध लाने गई थी। रास्ते में सलमान और साजिद नामक युवक ने दोनों के साथ अश्लील छींटा कशी की और उससे मोबाइल फोन का नंबर मांगने लगा। लड़कियों ने नंबर देने से इंकार किया, तो अश्लील टिप्पणी कर भाग निकले। लड़कियों ने घर आकर परिजनों को घटना की जानकारी दी। मुरादनगर पुलिस ने छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरु की। नामजद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता संजीव सहदेव ने बताया कि घटना के संबंध में कोई मजबूत साक्ष्य नहीं था। फिर दोनों किशोरियों ने अदालत में आरोपियों सलमान और साजिद को पहचाने से इंकार कर दिया। इस आधार पर पॉक्सो की विशेष अदालत प्रथम ने दोनों अभियुक्त सलमान और साजिद को साक्ष्यों के अभाव में बरी करने के आदेश दिए। अदालत से बाहर निकलते ही परिजनों ने दोनों को गले लगा लिया।