कांग्रेसी नेता पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व बसपा नेता रामअचल राजभर को जमानत मिली…
19 जनवरी को “हिंद वतन समाचार” पर चली खबर 👆
एमपी/एमएलए कोर्ट ने 20-20 हजार के निजी मुचलके पर दी जमानत…
दोनों नेताओं ने 19 जनवरी को किया था समर्पण…
लखनऊ। कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन और बसपा नेता पूर्व मंत्री राम अचल राजभर की जमानत आज एमपी/एमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई। जस्टिस पवन कुमार राय ने दोनों को 20-20 हजार के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया। दोनों नेताओं को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था, संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए थे। इसके बाद 19 जनवरी को नसीमुद्दीन व राम अचल ने कोर्ट में सरेंडर किया था। बताते चलें कि 2016 में लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर भाजपा नेता दयाशंकर सिंह उनकी पत्नी स्वाती सिंह (अब मंत्री) व परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान अभद्र टिप्पणी किए जाने के मामले में हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने आरोप लगाया था कि 20 जुलाई 2016 को बसपा अध्यक्ष मायावती ने राज्य सभा में उन्हे, उनकी बेटी, उनकी बहू व नातिन तथा उनके परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दी व अपशब्द कहे। इसके दूसरे दिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर व मेवालाल की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र दयाशंकर सिंह व परिवार को गालियां दीं तथा अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। वर्ग और जातीय भेद बताते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया।
इस मामले में दयाशंकर सिंह की मां ने 22 जुलाई 2016 नामजद एफआईआर थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। 12 जनवरी 2018 को इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 509, 153A, 34, 149 व पाक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस मामले में नसीमुद्दीन और राम अचल राजभर के साथ ही बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम, नौशाद अली व अतहर सिंह राव आरोपी हैं। (27 जनवरी 2021)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,