राष्ट्रपति से मिलने के बाद बोले विपक्षी नेता…
किसानों की बातों को समझे सरकार, रद्द हो कृषि कानून…
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन के बीच विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को रामनाथ कोविंद से मुलाकात किया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी,एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत विपक्ष के 5 नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की।राष्ट्रपति से मिलने के बाद विपक्षी नेताओं ने एक सुर में कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की,उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की बातों को समझे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि किसानों ने देश की नींव रखी है,वो दिन-रात काम करते हैं।ये कानून किसानों के हित में नहीं हैं,तीनों बिल संसद से बिना चर्चा के पास हुए।
राहुल गांधी ने कहा कि किसानों की शक्ति के सामने कोई खड़ा नहीं हो सकता।हिंदुस्तान का किसान हटेगा नहीं, डरेगा नहीं. जब तक कानून रद्द नहीं होते तब तक वे डटे रहेंगे।
वहीं,सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है।हम कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल को रद्द करने के लिए कह रहे हैं,जो बिना लोकतांत्रिक तरीके से पारित किए गए थे।एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि इस ठंड में देश के किसान सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं,वे नाखुश हैं।सरकार की ड्यूटी है कि वो मामले का समाधान निकाले।
गौरतलब है कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है,इसी मसले पर 5 विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाले नेताओं में शरद पवार, राहुल गांधी, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा और डीएमके नेता टी के एस इलेनगोवन रहे।
इससे पहले सीताराम येचुरी ने कहा कि 25 से अधिक विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है,ये कानून भारत के हित में नहीं हैं और इससे हमारी खाद्य सुरक्षा को भी खतरा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को ये भी बताया जाएगा कि 14 दिनों से किसान ठंड में प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार उनकी मांगों को खारिज कर रही है।सरकार की ओर से किसानों को लिखित में भेजे गए प्रस्ताव पर सीताराम येचुरी ने कहा कि हमने प्रस्ताव को देखा है।लेकिन सरकार ऐसे सुझाव दे रही है जो कृषि संकट का समाधान नहीं करते हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…