*विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत पर 10 ग्राम प्रधानों की जांच शुरू* 

*विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत पर 10 ग्राम प्रधानों की जांच शुरू*

*कई अधिकारी भी जांच की चपेट में*

 

*गाजियाबाद।* पंचायत चुनाव से पहले ऐसे ग्राम प्रधानों की पोल खुलने वाली है, जिन्होंने विकास कार्य कराने के नाम पर सिर्फ घोटाला ही किया है। गावों में विकास कार्य कराकर संवारने के बजाय अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी जेब ही गरम की है। पंचायती राज विभाग शिकायत के आधार पर 10 ग्राम पंचायतों में पांच साल में कराए गए विकास कार्यों की जांच करा रहा है। इससे ग्राम प्रधानों के साथ अधिकारियों की धड़कनें भी बढ़ गई हैं।

 

ग्राम प्रधानों का कार्यकाल आने वाली 25 दिसंबर को खत्म हो जाएगा। जाते-जाते और पंचायत चुनाव होने से पहले कई ग्राम प्रधानों की मुसीबत बढ़ती जा रही है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं प्रधानों के खिलाफ शिकायत का सिलसिला भी तेज हो गया है। कई ग्राम प्रधानों पर तो यह आरोप है कि जिन कार्य को कराने में बजट का खर्चा दिखाया गया है वह कार्य शुरू तक नहीं कराए गए हैं। पंचायती राज विभाग में एक शिकायतकर्ता ने शिकायत कर आरोप लगाया है कि उनकी ग्राम पंचायत के प्रधान ने पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए ग्राम पंचायत निधि से लाखों रुपए खर्च करने की रिपोर्ट विभाग और शासन को दी है। जबकि ग्राम पंचायत में कोई पार्क ही नहीं है। विभाग में शिकायत करने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।इसके अलावा प्रधानों पर ग्राम पंचायतों में नाली, खड़ंजा, पार्कों और स्कूलों का सौंदर्यकरण आदि विकास कार्य करने के नाम पर गड़बड़ी करने के आरोप लग रहे हैं। जांच कर रहे एक अधिकारी ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि विकास कार्यों में करोड़ों रुपये के घोटाले सामने आएंगे।वहीं, संबंधित विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिले की ग्राम पंचायतों में बजट के अनुरूप कार्य हुए या नहीं हुए इसका खुलासा जल्द हो जाएगा। इसके लिए जांच की जारी है।

 

*अधिकारियों की लापरवाही से कार्रवाई में आ रही बाधा*

 

पंचायती राज विभाग को जांच अधिकारियों की लापरवाही से ग्राम प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई करने में बाधा आ रही है। क्योंकि कई शिकायतें ऐसी हैं, जिनमें दो साल बीत जाने के बाद भी विभाग को जांच आख्या प्राप्त नहीं हुई है। ग्राम पंचायत खिंदौड़ा में विकास कार्य में गड़बड़ी को लेकर 19 मार्च 2018 में शिकायत प्राप्त प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी और सिंचाई निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता को सौंपी गई थी। लेकिन अभी तक भी जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। इसके अलावा जाफराबाद गनौली की जांच जिला कृषि अधिकारी को पिछले साल 11 नवंबर को सौंपी गई थी जो लंबित पड़ी हुई है। इसी तरह अभी तक ज्यादातर जांच रिपोर्ट विभाग को प्राप्त नहीं हुई हैं।

 

*कई अधिकारी भी जांच की चपेट में*

 

विकास कार्यों की जांच के चलते कई अधिकारी भी डरे हुए हैं। क्योंकि ग्राम पंचायत निधि से जो भी बजट खर्च किया जाता है उसे अकेला प्रधान खर्च नहीं कर सकता। बल्कि ग्राम पंचायत अधिकारी के हस्ताक्षर के बाद ही पंचायत निधि के खाते से धन राशि निकाली जाती है। इससे कई ग्राम पंचायत अधिकारी भी जांच की चपेट में आ सकते हैं।

 

 *इन ग्राम पंचायतों में शुरू हुई विकास कार्यों की जांच:*

 

ब्लॉक ग्राम पंचायत

मुरादनगर खिंदौड़ा

मुरादनगर जलालपुर रघुनाथपुर

मुरादनगर छज्जूपुर मनौली

मुरादनगर खौराजपुर

मुरादनगर रावली कला

मुरादनगर ग्यासपुर

मुरादनगर झलावा

लोनी जाफराबाद गनौली

भोजपुर ईसाकनगर