मीटू मामला…
प्रिया रमानी ने कहा- अकबर की साख उतनी भी अच्छी नहीं…
जैसा वह दावा कर कर रहे हैं…
नई दिल्ली, 05 दिसंबर। पत्रकार प्रिया रमानी ने शनिवार को अदालत में कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर की साख उतनी अच्छी नहीं है, जैसा वह दावा कर कर रहे हैं। अकबर की ओर से दाखिल आपराधिक मानहानि मामले में रमानी ने अंतिम बहस के दौरान यह दलील अदालत में दी है। रमानी ने सोशल मीडिया पर मीटू अभियान के दौरान वर्ष 2018 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर पर 20 साल पहले यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद अकबर ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और रमानी के खिलाफ मानहानि का यह मुकदमा दर्ज किया था।
एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय के समक्ष रमानी की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका एम. जॉन ने यह दलील दी है। वकील ने अदालत को बताया कि कई महिलाओं ने अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री के अनुसार, यदि विवाहित होते हुए भी वह किसी और के साथ सहमति से भी संबंध रख रहे थे तो यह अच्छी साख वाली बात नहीं है। पिछली सुनवाई पर बहस के दौरान रमानी ने कहा था कि अकबर के खिलाफ उनके आरोप उनकी सच्चाई हैं।
जॉन ने अदालत को बताया कि कम से कम 15-16 महिलाओं ने अकबर के खिलाफ ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अकबर के एक जूनियर के साथ संबंध थे जो उनसे 20 साल छोटी थी, यह अच्छी प्रतिष्ठा की बात नहीं है। रमानी की ओर से दावा किया गया कि कई महिलाओं ने अकबर पर आरोप लगाए, लेकिन उन्होंने केवल रमानी के खिलाफ ही मामला दर्ज कराया। शनिवार को मामले की बहस पूरी नहीं हो पाई और अब 10 दिसंबर को सुनवाई होगी।
वरिष्ठ पत्रकार व भाजपा नेता अकबर ने 15 अक्टूबर, 2018 को रमानी के खिलाफ मानहानि का यह मुकदमा दाखिल किया गया था। उन्होंने पहले अदालत में कहा था कि रमानी ने उनके लिए मीडिया का सबसे बड़ा शिकारी जैसे विशेषणों का इस्तेमाल करके उन्हें बदनाम किया है और उनकी साख को नुकसान पहुंचाया है। पूर्व मंत्री ने यौन उत्पीड़न के रमानी के आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…