“लव जिहाद” कानून के तहत दर्ज पहले मुकदमे में हुई गिरफ्तारी, आरोपी जेल भेजा गया…

“लव जिहाद” कानून के तहत दर्ज पहले मुकदमे में हुई गिरफ्तारी, आरोपी जेल भेजा गया…

  आरोपी उवैश को जेल ले जाते हुए पुलिस 👆

युवती को प्रेमजाल में फंसाकर धर्मांतरण का बना रहा था दबाव: 10 साल तक की हो सकती है सजा…

लखनऊ/बरेली। प्रदेश के बरेली जिले में ‘लव जिहाद’ का पहल मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार चल रहे आरोपी उवैस को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पांच दिन पहले 28 नवंबर को बरेली के देवरनिया थाने में लव जिहाद का कानून बनने के बाद पहला मुकदमा दर्ज किया गया था। उवैश को गिरफ्तारी के बाद कल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
आरोप है कि उवैस एक हिन्दू लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाकर उस पर धर्मांतरण का दबाव बना रहा था, जिस वजह से लड़की के पिता ने लॉकडाउन के दौरान ही उसकी दूसरी जगह शादी कर दी थी। लड़की की शादी हो जाने के बावजूद आरोपी उसे जान से मारने की धमकी दे रहा था। 28 नवंबर को देवरनिया थाने में उवैस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसके बाद से पुलिस की टीमें उसकी तलाश में लगी हुई थीं।
प्रभारी एसएसपी डॉ संसार सिंह के अनुसार उवैस को भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (किसी व्‍यक्ति को अपमानित करने), 506 (आपराधिक धमकी देना) और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा के तहत गिरफ्तार किया गया।
ये है यूपी का ‘लव जिहाद’ कानून. . . . .
विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को यूपी की राज्‍यपाल आनंदी बेन ने पिछले शनिवार को मंजूरी दे दी थी। इसके कुछ घंटे बाद ही पहला केस उवैस के खिलाफ दर्ज किया गया था। इस अध्‍यादेश के तहत ‘लव जिहाद’ पर 10 साल तक की कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। अध्‍यादेश कहता है कि महज शादी के लिए अगर लड़की का धर्म बदला गया तो न केवल ऐसी शादी अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी हम पड़ सकती है। इस नए अध्यादेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से अथवा विवाह के लिए धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध होगा।

संवाददाता सुहेल मारूफ की रिपोर्ट…