समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपराधियों के आगे नतमस्तक…
लखनऊ 29 नवम्बर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपराधियों के आगे नतमस्तक है। विकास कार्य अवरूद्ध हैं। किसान आंदोलित है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री देशाटन पर है। अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बजाय उनका मन स्टार प्रचारक बनकर दूसरे राज्यों में जाने और उनके शहरों के नाम बदलवाने में ज्यादा लगता है।
प्रदेश के अन्नदाता की भाजपा सरकार को परवाह नहीं। किसानों के प्रति नफरत रखना, उन्हें आतंकवादी और गुण्डा बताना भाजपा की ओछी मानसिकता का प्रदर्शन है। खेती, किसान, गांव में रहने वालों और गरीबों के लिए भाजपा में कोई हमदर्दी नहीं। उन्हें चिंता है तो बस कारपोरेट घरानों की कि कैसे उनकी झोलियां भरी जाएं और प्रदेश की सम्पत्ति उनकी मर्जी से बंधक बनाई जाए।
किसानों को आतंकवादी कहकर अपमानित करना भाजपा का निकृष्टतम रूप है। ये अमीरों की पक्षधर, भाजपा का खेती-खेत छोटा व्यापार, दुकानदारी, सड़क परिवहन सब कुछ, बड़े लोगों को गिरवी रखने का षड़यंत्र है। अगर भाजपा के अनुसार किसान आतंकवादी है तो भाजपाई कसम खाए उनका उगाया अन्न नहीं खाएंगे। भाजपा-आरएसएस की रीतिनीति ही यही है कि जनसामान्य के हितों के मुद्दों से ध्यान भटकाया जाए और व्यर्थ के मुद्दों में उलझाया जाए। गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा, बेकारी जैसी समस्याओं के निदान के उपाय सोचने की मुख्यमंत्री जी को फुरसत नहीं है।
भाजपा सरकार के रहते हालात सुधरने वाले नहीं। जनता के जानमाल की रक्षा की कोई उम्मीद नहीं। शिक्षामित्रों की समस्याएं जस की तस हैं। 17000 अनुदेशकों को प्रतिमाह वेतन देने का वादा भाजपा ने किया लेकिन दिया नहीं। विवश होकर वे आत्महत्या कर रहे हैं। हाल ही में सिद्धार्थनगर के बृजपाल ने फांसी लगा ली।
अपने उत्तर प्रदेश में पत्रकार सबसे ज्यादा खतरे में है। कई पत्रकारों की जाने गई है। अभी 28 नवम्बर 2020 को ही बलरामपुर में पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक और उनके साथी पिंटू साहू की जिंदा जला दिया गया। प्रयागराज के सोरांव थानान्तर्गत तेजोपुर गांव में शनिवार तड़के किसान हरिश्चन्द्र की हत्या कर लाश पुआल संग फूंक दी गई। अलीगढ़ में टायर विक्रेता, मथुरा में डेयरी संचालक और अम्बेडकरनगर में अमीन की गला रेत कर हत्या कर दी गई।
भाजपा आदर्श की बड़ी-बड़ी बातें करती है, किन्तु उसके राज में बहन-बेटियों की जिंदगी सबसे ज्यादा असुरक्षित हो गई है। आए दिन सŸाा संरक्षित दबंग उनकी इज्जत से बेखौफ खेलते है। अपराध पर लगाम लगाने के बजाय मुख्यमंत्री जी को इस बात की ज्यादा फिक्र है कि कौन किससे शादी कर रहा है? चौबीस घंटों में ही लोग दहल गए हैं। कन्नौज की एक १५ वर्षीय किशोरी को अगवा कर लखनऊ में उसके साथ दुष्कर्म हुआ। ग्रेटर नोएडा के एक गांव में चार बदमाशों ने एक मां के साथ उसकी बेटी व बेटे के सामने ही दुष्कर्म किया। बागपत में तांत्रिकों ने महिला से दुष्कर्म किया। अलीगढ़ में छेड़छाड़ से तंग छात्रा ने जहर खाकर जान दी। कुशीनगर के एक गांव की 11वर्षीय बच्ची का अपहरण कर रेप के बाद हत्या कर दी गई। बाराबंकी के रामनगर इलाके में अपहृत 19वर्षीय बेटी का बोरी में गला कटा शव मिला। बलिया में दलित मां-बेटी की घर में घुसकर हत्या की गई।
आखिर जो सरकार लोगों को सुरक्षा और सम्मान पूर्वक जीने की गारन्टी नहीं दे सकती उसे सत्ता में बने रहने का क्या अधिकार है? मुख्यमंत्री जी को उत्तर प्रदेश को संवारने का दायित्व मिला था, उसकी देश भर में बदनामी कराने का नहीं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…