बरातियों से भरी बुलेरो सड़क पर खड़े ट्रक से जा टकराई, 14 लोगों की मौत…
मृतकों में 6 बच्चे एवं चार सगे भाई: हादसे पर मुख्यमंत्री ने जताया दुख…
गैस कटर से बुलेरो को काटकर निकाले गए शव…
लखनऊ/प्रतापगढ़। प्रदेश के प्रतापगढ़ में बारातियों से भरी एक बोलेरो बीती देर रात सड़क किनारे खड़े ट्रक में पीछे से घुस गई, इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में पुरुष, महिलाएं और 6 बच्चे भी शामिल हैं। आधी रात बाद हुई इस घटना से हड़कंप मच गया। एसपी अनुराग आर्य व कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची, बोलेरो को काटकर कई शव निकाले गए।
कुंडा थाना क्षेत्र के चौंसा जिरगापुर निवासी संतलाल यादव के बेटे सुनील यादव की गुरुवार को शादी थी, बारात नवाबगंज थाना क्षेत्र के शेखपुर में गई थी। वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद देर रात बच्चों समेत 14 लोग बोलेरो से कुंडा स्थित गांव लौट रहे थे। मानिकपुर थाना क्षेत्र में देशराज का इनारा के पास तेज रफ्तार बोलेरो सड़क किनारे खड़े ट्रक में पीछे से घुस गई, इसके बाद चीख पुकार मच गई। हादसा इतना भयावह था कि मौके पर पहुंचे लोगों की पास जाने की भी हिम्मत नहीं हुई। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद बोलेरो से शवों को बाहर निकाला और कुंडा सीएचसी पहुंचाया।हादसे की सूचना गांव में पहुंची तो वहां कोहराम मच गया, शादी समारोह में भी मातम छा गया। हादसे में इनकी गई जान, दिनेश कुमार(40 वर्ष), पवन कुमार (10), दयाराम (40), अमन (7), रामसमुझ (40), अंश (9), गौरव कुमार (10), नान भैया (55), सचिन (12), हिमांशु (12), मिथिलेश कुमार (17), अभिमन्यु (28), पारसनाथ (40) एवं चालक बबलू (22 वर्ष)।
प्रतापगढ़ में हुए हादसे के दौरान छह बच्चों समेत 14 लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर तत्काल पहुंचने और पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। सभी शवों को पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मृतकों में 12 बाराती कुंडा कोतवाली के जिगरापुर चौसा गांव के रहने वाले बताएं गए हैं, जबकि बोलेरो चालक समेत दो लोग कुंडा इलाके के अन्य गांव के रहने वाले थे। बोलेरो में कुछ लोग फंसे हुए थे, जिनको गैस कटर की मदद से निकाला गया।
इस दर्दनाक हादसे में कुंडा थाना क्षेत्र के चौसा जिरगापुर गांव के दो-दो सगे भाई इस भीषण दुर्घटना के शिकार हो गए। इस गांव के श्रीनाथ के बेटे दिनेश और नान भइया भी बोलेरो से लौट रहे थे। लौटते समय दिनेश ने घरवालों को फोन करके आने की सूचना भी दी थी कि वह कुछ ही देर में घर पहुंच रहा है। कौन जानता था कि यह उसकी स्वजनों से आखिरी बातचीत है। ऐसा ही इसी गांव के रहने वाले दिनेश कुमार के बेटे पवन और अमन के साथ भी हुआ, दोनों इस दुर्घटना में मौत के गाल में समा गए। देर रात सभी 14 मृतकों के शवों को ट्रैक्टर से लादकर जिला अस्पताल भेजा गया। (20 नवंबर 2020)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,