*जासूसी मामला : अदालत ने पत्रकार की जमानत अर्जी खारिज की*
*नई दिल्ली।* जासूसी के आरोप में सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत अर्जी दिल्ली की एक अदालत ने खारिज कर दी। शर्मा पर चीन की खुफिया एजेंसियों को भारत की सीमा संबंधी रणनीतिक जानकारी, सेना की तैनाती और खरीद तथा विदेश नीति से जुड़ी सूचना देने का आरोप है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वसुंधरा छोंकर ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। शर्मा ने याचिका दायर कर इस आधार पर जमानत मांगी थी कि पुलिस 60 दिन की अनिवार्य सीमा के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने में असफल रही है। अदालत ने हालांकि याचिका खारिज करते हुए कहा कि चूंकि मुकदमा बेहद कड़े कानून सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है, इसलिए इसमें हिरासत की अधिकतम अवधि 60 दिन की जगह 90 दिन की है। इसने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इसलिए विधायिका ने यह कठोर कानून बनाया है जिसकी धारा-3 के तहत अधिकतम 14 साल तक की सजा सुनाई जा सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह देखते हुए कि ऐसे गंभीर मामलों में विस्तृत जांच की आवश्यकता होती है, अदालत को यह कहने में कोई संदेह नहीं है कि आरोपी को अभी तक सामान्य जमानत पाने का अधिकार प्राप्त नहीं हुआ है, क्योंकि सरकारी गोपनीयता कानून की धारा-3 के तहत दंड सीआरपीसी की धारा 167 (2) (ए) (आई) के तहत आएगा जिसमें हिरासत की अधिकतम अवधि 90 दिन होगी, 60 दिन नहीं।’’ भारतीय खुफिया एजेंसियों से प्राप्त सूचना के आधार पर विशेष प्रकेष्ठ ने 14 सितंबर को शर्मा को गिरफ्तार कर उसके आवास से रक्षा विभाग के कुछ गोपनीय दस्तावेज बरामद किए थे।