*57 फीसद मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी*
*नई दिल्ली।* बिहार में नवगठित मंत्रिमंडल के 14 मंत्रियों में से आठ ने अपने विरूद्ध आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने यह जानकारी दी है। चुनाव अधिकारों से जुड़े संगठन के अनुसार छह मंत्रियों (करीब 43 फीसद) ने अपने विरूद्ध गंभीर मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। गंभीर अपराध गैर जमानती अपराध होते हैं और उनमें पांच साल से अधिक की सजा मिलती है। एडीआर ने कहा कि जनता दल यूनाईटेड के छह मंत्रियों में दो, भाजपा के छह मंत्रियों में चार, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) के एक और विकासशील इंसान पार्टी के एक मंत्री के हलफनामों की जांच से पता चला है कि उनके विरूद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं। आठ या 57 फीसदी मंत्रियों के विरूद्ध आपराधिक मामले चल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 13 मंत्री (93 फीसदी) करोड़पति हैं और उनकी औसतन संपत्ति 3.93 करोड़ रूपये है। सबसे अधिक 12.31 करोड़ रूपये की संपत्ति मेवा लाल चौधरी के पास है जो तारापुर निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं। सबसे कम 72.89 लाख रूपये की संपत्ति अशोक चौधरी के पास है। इन सभी ने हलफनामों में संपत्ति की घोषणा की है । एडीआर के अनुसार चार (29 फीसदी) मंत्रियों ने शैक्षिक योग्यता आठवीं से 12 वीं तक बताई है। 10 (71 फीसदी) मंत्रियों ने स्नातक या स्नातक से आगे की शिक्षा प्राप्त करने का उल्लेख कियाा है। छह मंत्रियों ने अपनी आयु 41-50 साल के बीच बताई है जबकि आठ मंत्री 51 से 75 साल तक के उम्र के हैं। उनमें दो महिलाएं हैं। बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को चुनाव हुए थे। जबकि मतगणना 10 नवंबर को हुई। बहुमत हासिल करने के बाद राजग ने सरकार बनायी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में 14 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को शपथ ली।