इन्हे अब पता चला कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला हुआ है- प्रहलाद गौतम..
“बड़े” पत्रकारों की नजर में मीडिया का उत्पीड़न तभी होता है, जब बात अपने पर आती है…!
झांसी। टीवी न्यूज चैनल के बड़े एंकर एवं वरिष्ठ पत्रकार अर्नव को इस सच्चाई का अब पता चल रहा है कि पत्रकारों पर कैसे अत्याचार होते हैं ? जब वे खुद एक अपराधिक मामले में जेल भेज दिए गए। यह कहना है सोशल मीडिया प्रोमोटर एवं प्रहलाद गौतम मीडिया न्यूज ग्रुप के एडमिन प्रहलाद गौतम का। उन्होने कहा कि काश इन्हे पहले पता चलता कि खबर चलाने में एवं प्रकाशित करने में कैसे पत्रकारों का उत्पीड़न किया जाता है।
सोशल मीडिया के पोर्टेल, वेव न्यूज, एवं लोकल अखबार के पत्रकारों का उत्पीड़न होता है या उनके साथ अभद्रता होती है, उनके ऊपर फर्जी मुक़दमा दर्ज कराया जाता है या फर्जी मुकदमों मे फंसाने की कोशिश होती है तब कोई भी बड़ा चैनल या चैनल के एंकर व पत्रकार कोई आवाज नहीं उठाते हैं। प्रहलाद गौतम कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि इस बारे में इन्हे पता नहीं चलता है, इनके संवाददाता सभी जिलों मे होते हैं पर तब ये अपने आपको बड़ा पत्रकार समझते हैं और पीड़ित पत्रकार इनकी नजरों में छोटे पत्रकार होते हैं।
उन्होने कहा कि मेरे संज्ञान में है कि अकेले उत्तर प्रदेश मे पिछले 4 माह में पत्रकार उत्पीड़न के लगभग 2 दर्जन से अधिक मामले हुए हैं पर सिर्फ 2 बड़े मामले जिसमें पत्रकारों की हत्या कर दी गई वही 2 मामले टीवी के बड़े चैनल पर प्रसारित किए गए थे। अब इन पर बात आई है तो ये चाहते हैं कि सभी पत्रकार और सभी पत्रकारों के संगठन इनका साथ दें, इनके ऊपर हुए अन्याय अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएं, क्या हर पत्रकार नहीं होता है। बस सत्ता की चापलूसी करने वाला ही पत्रकार ही केवल पत्रकार और बड़ा पत्रकार होता है। वाह ये भारतीय पत्रकारिता….?
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,