*गोंडा में पुजारी पर हमले का खुलासा:*
*दुश्मन को फंसाने के लिए पुजारी ने शूटर से खुद पर चलवाई थी गोली;*
*साजिश में मंदिर का महंत भी शामिल था, 7 गिरफ्तार*
*गोंडा/उत्तर प्रदेश* उत्तर प्रदेश के गोंडा में 7 दिन पहले श्रीराम जानकी मंदिर के पुजारी पर हुए जानलेवा हमले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस के अनुसार,घटना की साजिश में खुद पुजारी शामिल था। इसके लिए मुन्ना सिंह नाम के प्रोफेशनल शूटर को बुलाया गया था। मामले में 9 आरोपी सामने आए हैं। इनमें 7 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुजारी का इलाज लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में चल रहा है।उसे भी ठीक होने के बाद गिरफ्तार किया जाएगा। इसके अलावा, साजिश करने वाले प्रधान का बेटा सूरज सिंह फरार है।
इटियाथोक इलाके के तिर्रेमनोरामा स्थित मंदिर में 10 अक्टूबर की रात सोते वक्त पुजारी सम्राट दास को गोली मारने की घटना सामने आई थी। इसमें वे घायल हो गए थे। इस संबंध में मंदिर के महंत ने तिर्रेमनोरामा के रहने वाले मुकेश सिंह, भयहरण सिंह, अमर सिंह, दरोगा सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराया था। मंदिर के ही महंत सीताराम दास ने तहरीर में अमर सिंह को मुख्य आरोपी बनाया था। कहा था कि अमर सिंह मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा करना चाहता है।
गोंडा के एसपी शैलेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि तिर्रेमनोरामा में 120 बीघा श्रीराम जानकी मंदिर की जमीन है। इसे लेकर महंत सीताराम दास और अमर सिंह के बीच विवाद चल रहा है। इसके अलावा मौजूदा प्रधान विनय सिंह और अमर सिंह के बीच चुनावी रंजिश भी चल रही है। महंत सीताराम दास और विनय सिंह ने मिलकर प्लान बनाया कि यदि अमर सिंह को किसी मामले में फंसाकर जेल भिजवा दिया जाए तो दोनों का मकसद पूरा हो जाएगा।
इसके बाद महंत सीताराम दास, विनय सिंह और पुजारी सम्राट दास उर्फ अतुल त्रिपाठी समेत 9 लोगों ने एक महीने पहले से साजिश करना शुरू कर दिया। सहमति से यह तय हुआ कि पुजारी सम्राट दास को इस तरह से गोली मारी जाए कि उनकी जान भी न जाए और गोली लग जाए। 10 अक्टूबर की रात शूटर मुन्ना सिंह अपने साथी सोनू सिंह और नीरज सिंह के साथ रात करीब डेढ़ बजे मंदिर के पीछे पहुंचे। यहां महंत सीताराम दास और पुजारी सम्राट दास मिले। दोनों की सहमति से मुन्ना सिंह ने सम्राट दास को गोली मार दी। इसके बाद महंत सीताराम दास जाकर कमरे में सोने का नाटक करने लगा। सुबह रंजिश में गोली मारे जाने की घटना बताई और पुलिस से शिकायत की।