देशभर में मी टू अभियान को लेकर जंग छिड़ी हुई है। लगभग रोजाना एक बड़ी शख्सियत पर यौन शोषण के आरोप लग रहे हैं। सबसे ज्यादा बॉलीवुड जगत से सामने आ रहे हैं। इस बहस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी राय रखी है। उनका कहना है कि एक बेटी को केवल जीने का ही नहीं बल्कि सम्मान पाने का भी अधिकार है। उनकी कैबिनेट की केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने इस अभियान के तहत सामने आने वाले नामों पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित करने की बात कही है। इस समिति में पूर्व जज और वकील शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में बोलते हुए कहा, ‘कुछ संकुचित मानसिकता वाले लोग मासूम बच्ची को अनावश्यक मानते हैं और उन्हें गर्भ में ही मार देते हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की वजह से हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में लड़कियों की संख्या बढ़ी है।’
पीएम ने कहा, ‘बहुत सारी मासूम जिंदगियों को जीने का अधिकार मिला है। लेकिन जिंदगी का मतलब केवल सांस लेना नहीं है। सम्मान भी समान रूप से महत्वपूर्ण है।’ पीएम का बयान महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के बयान के कुछ घंटों बाद आया है। गांधी ने मी टू अभियान के तहत सामने आए शख्सियतों पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित करने की बात कही है।
वहीं सरकार अपने विदेश राज्यमंत्री पर लगे यौन शोषण के आरोपों को लेकर घिर गई है। कांग्रेस और सामाजिक कार्यकर्ता अकबर के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। उनपर आरोप लगे हैं कि उन्होंने विभिन्न संस्थानों में संपादक रहते हुए महिलाओं का शोषण किया है। मेनका गांधी ने कहा, ‘मैं हर एक शिकायत के पीछे के दर्द और आघात को समझती हूं। कार्यस्थल पर यौन शोषण के मामलों से जीरो टॉलरेंस के साथ निपटना चाहिए।’