उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर 2020 तक नहरों की सिल्ट सफाई के लिए चलाये जाने वाले अभियान की समीक्षा की…
लखनऊ 14 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर 2020 तक नहरों की सिल्ट सफाई के लिए चलाये जाने वाले अभियान की समीक्षा करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों से ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश की समस्त नहरों अल्पिकाओं तथा रजवाहों की शत-प्रतिशत सिल्ट सफाई सुनिश्चित की जानी हैं इसमें किसी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता को गम्भीरतासे लेतेहुए सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि नहरों की सफाई से निकाली गयी मिट्टी के समुचित निस्तारण के लिए सम्बन्धित जिलाधिकारी से समन्वय स्थापित कर निर्धारित नियमों के तहत नीलामी करायी जाये एवं उससे प्राप्त राजस्व को सरकारी खजाने में जमा कराया जाये।
डा0 महेन्द्र सिंह कल सिंचाई एवं जलसंसाधन मुख्यालय में वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से नहर संगठनों से जुड़े अधिकारियों से बनायी गयी कार्ययोजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे थे। उन्होंने नहरों की सफाई के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के लिए एक माह तक नहरों पर रहने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने किसी न किसी नहर अधिकारियों के नाम से जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सफाई के लिए नोडल अधिकारी नामित किये जायें उन्होंने प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जलसंसाधन को निर्देश दिये कि सफाई कार्य का प्रतिदिन अनुश्रवण करें और शाम तक रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायें।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि नहरों की सफाई नालों ड्रेनेज की भी सफाई होनी है। उन्होने कहा कि जनपदवार अल्पिकाओं तथा रजवाहों का अभिलेखीकरण कराया जाये। इसके अलावा सफाई कार्य का शुभारम्भ स्थानीय सांसदों, विधायकों, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा मीडिया बन्धुओं से कराया जाये और कार्य शुरू होने से पहले तथा समाप्त होने के बाद की फोटोग्राफी करायी जाये ताकि सफाई कार्य मे ंपारदर्शिता लायी जा सके। उन्होने कहा कि 15 अक्टूबर से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क करके उनसे शुभारम्भ की तिथि प्राप्त कर ली जाये। उन्होने कहा कि नहरों पर एक बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाया जाये जिस पर नहर की लम्बाई कार्य शुरू होने की तिथि, अनुमानित व्यय, सम्बन्धित अभियन्ता एवं ठेकेदार का नाम व मोबाइल नम्बर सहित दर्शाया जाये। उन्होंने कहा कि सफाई एवं सिल्ट निस्तारण का कार्य मानक के अनुसार न करने पर 30 प्रतिशत धनराशि का भुगतान रोक लिया जाये। डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि गत वर्ष लगभग 47 हजार किमी नहरों की सफाई की गयी थी और वहां तक पानी पहुंचाया गया था, जहां विगत 35 से 40 वर्षों तक पानी नहीं पहुचा था। इस कार्य की लगभग 250 जन प्रतिनिधियों ने सरहना की थी। उन्होंने कहा कि टेल तक पानी पहुंचाना अनिवार्य है।
राज्य मंत्री जलशक्ति श्री बी0एस0 औलख ने सुझाव दिये कि रबी के लिए नहरों में पर्याप्त पानी होना चाहिए। इसके साथ ही पानी आपूर्ति में अवरोध बनने वाले खर-पतवार की सफाई जरूरी है। अपर मुख्य सचिव, श्री टी0 वेंकटेश ने कहा कि सभी अभियन्ता प्रभावी कार्य-योजना के अनुसार 15 अक्टूबर से सफाई कार्य शुरू करा दें किसी स्तर पर लापरवाहरी नहीं होनी चाहिए। इस अवसर पर प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष, सिंचाई, आर0के0 सिंह, प्रमुख अभियन्ता परियोजना, वी0के0 निरंजन और प्रमुख अभियन्ता परिकल्प एवं नियोजन, ए0के0 सिंह मुख्य अभियन्ता मध्य, डी0के0 मिश्रा तथा मुख्य अभियन्ता शारदा सहायक, ए0के0 सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…