महिलाओं के लिए समाजसेवी शानू अब्दुल जब्बार बने मसीहा, फूल देकर सभी महिलाओं ने किया धन्यवाद…
महिलाओं को फ्री सिलाई सिखा कर ₹5000 देकर महिलाओं को करते रोजगार करने के काबिल…
जहां एक तरफ दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है। वही हिंदुस्तान भी इससे अछूता नहीं रहा।हिंदुस्तान की भी स्थिति निचले स्तर पर है।कोरोना कॉल के दौरान करोड़ों मजदूर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी मुहैया करा पाना भी बहुत मुश्किल हो गया जो स्थिति अभी भी बनी हुई है। ऐसे मजदूरों गरीब रिक्शा चालकों बहुत से हैं जो रोजी रोटी कमा पाने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। अगर राजधानी लखनऊ की बात करी जाए तो यहां पर भी हजारों की संख्या में लोग झुग्गी झोपड़ियों में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ज्यादातर गरीबों की स्थिति लॉकडाउन में समाज सेवकों पर निर्भर रही। जो उनको राशन पहुंचा रहे थे ऐसे ही एक समाज सेवक से आज हमने मुलाकात की जिनका नाम शानू अब्दुल जब्बार जो कि मलाही टोला ठाकुरगंज लखनऊ के रहने वाले हैं। बता दें कि, मलाही टोला का आसपास छह सात सौ गरीब परिवार अपना जीवन किसी तरह व्यतीत कर रहे हैं। जिनके पास खाने को रोटी नहीं थी। समाज सेवक शानू अब्दुल जब्बार ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों के घर तक राशन पहुंचाया। कोरोना के बचाव के लिए मास्क सैनिटाइजर लगातार बांट रहे हैं। और वही जब उन्हें महसूस हुआ कि गरीब परिवार में पति पत्नी दोनों कम पढ़े लिखे हैं। और पति की आमदनी धीरे-धीरे कम होती जा रही है तो उन्होंने गरीब महिलाओं के लिए निशुल्क सिलाई सेंटर खोला। जिसमें सभी महिलाएं बिल्कुल निशुल्क सिलाई सीख सकती हैं। और उसके बाद ₹5000 शानू अब्दुल जब्बार की तरफ से महिलाओं को दिए जाते हैं ताकि वह मशीन खरीद कर अपना सिलाई का कारोबार कर सकें। लगभग 70 महिलाओं को पांच ₹5000 दे चुके हैं। जो इनके वहां से सिलाई सीख कर गई हैं। वहीं गरीब बच्चों के लिए निशुल्क कोचिंग क्लासेस का भी इन्होंने इंतजाम किया है। जिसमें 500 बच्चे बिल्कुल मुफ्त क्लासेज लेते हैं। उसका सब खर्चा शानू अब्दुल जब्बार ही उठाते हैं। और लगभग 100 से अधिक सिलाई सीखने वाली महिलाएं उनके सेंटर में बिल्कुल मुफ्त सिलाई सीख रही हैं। महिलाओं के द्वारा शानू अब्दुल जब्बार को फूल देकर सम्मानित किया। और उनके क्षेत्र वासियों के बारे में सोचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सभी महिलाओं ने किया वही महिलाओ ने कहा ऐसे समाजसेवी बहुत कम ही होते हैं जो सच्चे दिल से गरीबो के बारे में सोचे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…