Google, Apple को मात देगा ‘स्वदेशी’ मोबाइल ऐप स्टोर…

Google, Apple को मात देगा ‘स्वदेशी’ मोबाइल ऐप स्टोर…

जल्द हो सकता है लॉन्च…

भारत अपना खुद का एंड्रॉइड ऐप स्टोर लॉन्च करने की योजना बना रहा है,इस स्वदेशी ऐप स्टोर के लॉन्च होने के बाद Apple और Google पर घरेलू कंपनियों की निर्भरता कम होगी,उनके लिए नया विकल्प खुलेगा।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि देश में लगभग 500 मिलियन स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं,जिनमें से अधिकांश Google के एंड्रॉइड प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हैं।भारतीय कंपनियां लगातार इनकी नीतियों की शिकायत करती हैं,ऐसी स्थिति स्टार्टअप के लिए अच्छी नहीं है।

पेटीएम ने जताई नाराजगी

गूगल को सबसे अधिक भुगतान करने वाली कंपनी भारतीय कंपनी पेटीएम ने पिछले महीने कुछ घंटों के लिए उसके ऐप को रिमूव करने के लिए अमेरिकी तकनीकी कंपनी के फैसले का विरोध किया था,उधर अल्फाबेट के स्वामित्व वाले Google ने भी इस सप्ताह कहा है कि वह एक ऐसी नीति को सख्ती से लागू करने जा रहा है जिसके तहत अपने एंड्रॉइड स्टोर पर मोबाइल ऐप्स के द्वारा किए गए भुगतानों में से 30% कमीशन लेगा।
पूर्व की कुछ रिपोर्ट के जवाब में नाम न बताने की शर्त पर सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक कोई औपचारिक अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है लेकिन एक मोबाइल प्लेटफॉर्म विकसित करने पर विचार किया जा रहा है। अधिकारी का कहना है कि भारत का पहले से ही एक मोबाइल ऐप स्टोर (Indian mobile app store) है जिसमें सरकार के 1200 से अधिक एप मौजूद हैं,इसके अलावा अब पेटीएम भी सरकार के साथ इस विषय विचार कर सकती है।
Google ने एक बयान में कहा है कि उसके प्ले स्टोर पर लगभग 3 प्रतिशत डेवलपर्स पिछले 12 महीनों में डिजिटल सामान बेच चुके हैं,लगभग 97% पेमेंट सिस्टम पॉलिसी का पालन करते हैं।
लगातार जताई जा रही है आवश्यकता
बहरहाल,कई भारतीय स्टार्ट-अप संस्थापक स्थानीय ऐप स्टोर की जरूरत जता रहे हैं।बेंगलुरु स्थित गेमिंग फर्म nSF Games के सह-संस्थापक विशाल गोंडल ने कहा,यदि हम Google को 30% शुल्क देंगे और ग्राहक अधिग्रहण के लिए भी भुगतान करेंगे तो हमारे व्यवसाय कैसे बचेंगे,इसलिए अब स्थानीय ऐप स्टोर होना अति आवश्यक है।
‘गूगल बना जज,जूरी और जल्लाद’
उधर पेटीएम कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने इंटरव्यू में कहा है कि Google ‘जज, जूरी और जल्लाद के रूप में काम कर रहा है,वह Google के सभी तर्कों से असहमत थे लेकिन अपने ऐप को फिर से स्थापित करने के लिए कुछ चीजें उन्हें हटानी पड़ीं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…