जन्मदिन पर याद किये गए गिर्दा…

जन्मदिन पर याद किये गए गिर्दा…

रामनगर न्यूज उत्तराखण्ड के वरिष्ठ जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा को आज उनके जन्मदिन पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमो के माध्यम से याद किया गया।रचनात्मक शिक्षक मण्डल,अभिनव नाट्य संस्था व यू के जेमर्स की संयुक्त पहल पर कॉपर रेस्टोरेंट में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमो की शुरुआत गिर्दा द्वारा लिखित प्रसिद्ध जनगीत जेंता एक दिन त आलो उ दिन य दुनि में के सामूहिक गायन से हुई
उसके बाद शिक्षक मण्डल के संयोजक नवेंदु मठपाल ने गिर्दा के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बातचीत रखी।उन्होंने कहा गिर्दा सांस्कृतिक परिवर्तन के सभी उपलब्ध मोर्चों पर जीवन भर सक्रिय रहे।उनके द्वारा हिंदी,कुमाउनी,गढवाली में लिखे गए गीत उत्तराखण्ड आंदोलन समेत विभिन्न आंदोलनों में लगातार गाये जाते रहे।उन्होंने झोड़ा,छपेली,,जाजर जैसी लोकविधाओं और पारंपरिक नृत्य गीतों को एक ऐसा नया कथ्य दिया जो समाज को परिवर्तन के लिए प्रेरित करता रहा।लोकछन्दों,जागर, और कुमाऊं की बैठकी होली से मुक्तछंद तक और गजल दोहों से लेकर उलटबांसियों तक विभिन्न शिल्पों में गिर्दा समनः गति से काम करते रहे।उनकी कविता का एक गहरा सूफियाना रंग भी है।नागार्जुन की ही तरह गिर्दा ने भी तात्कालिक घटनाओं पर कई कविताएं लिखीं।
अभिनय नाट्य ग्रुप के निदेशक ललित बिष्ट ने कहा,एक नागरिक और कवि के रूप में गिर्दा शुरू से ही उत्तराखण्ड की तमाम सामाजिक,राजनीतिक और परिवर्तनकारी हलचलों,आंदोलनों,जन अभियानों,और संघर्षों में शरीक रहे और उनमें हर बार उनकी कविता काम आती रही।नागार्जुन के साथ साथ गिर्दा फैज अहमद फैज की आवाज में भी बोलते हैं।
यू के जेमर्स के तुषार बिष्ट,नीरज चौहान,आभा बिष्ट द्वारा गिर्दा की कविताओं आज हिमाल तुमनकेँ धात्युछो, उत्तराखण्डा मेरी मातृभूमि,सांवनी सांझ आकाश खुला है,झुकि आयो शहर में ब्यापारी का वाद्ययंत्रों के साथ गायन प्रस्तुत किया।इस दौरान विक्रम शर्मा,रुचि शर्मा,प्रभात नेगी,मीनू थापा, कैलाश मनराल, सुभाष गोला, तरुण बिष्ट,शुहेब अली,सरोज रावत,अरुण बिष्ट

वरिष्ठ पत्रकार समीम दुर्रानी की रिपोर्ट…