कटरा इमामबाड़ा ज़ुल्फेक़ार हैदर से नहीं निकला…
इमाम हुसैन के तीजे का जुलूस…
प्रयागराज/उत्तर प्रदेश हज़रत इमाम हुसैन के तीजे पर कटरा स्थित इमामबाड़ा ज़ुल्फेक़ार हैदर से निकलने वाला जुलूस इस वर्ष नहीं निकिला गया।सिमित लोगों की उपस्थिति में केवल मजलिस हुई।मौलाना रज़ी हैदर ने करबला के ७२ शहीदों का ज़िक्र किया।अन्जुमन अब्बासिया के नौहाख्वानों ने ग़मगीन नौहा पढ़ा।शबीहे ताबूत और अलम को सजा कर इमामबाड़े में गश्त कराकर वहीं पर लोगों की ज़ियारत को रख दिया गया। वहीं बख्शी बाज़ार, दरियाबाद, रानीमण्डी सहित अन्य इमामबाड़ों में तीजे की मजलिस के साथ नज़्रो नियाज़ दिलाई गई।बरनतला इमामबाड़ा जावेद आब्दी में हुई मजलिस को मौलाना ज़रग़ाम हैदर ने खिताब करते हुए इमाम हुसैन की 72 लोगों की छोटी सी सेना के सिपेह सालार ग़ाज़ी अब्बास और इमाम हुसैन की चहेती बेटी जनाबे सकीना पर यज़ीदी लशकर द्बारा ढ़ाए गए ज़ुल्म ओ सितम की दास्ताँ बयान की। मजलिस से पूर्व शहनशाह हुसैन सोनवी व ज़हीर अब्बास हनी ने ग़मगीन मर्सिया पढ़ा तो अज़ादारों की आँखों से आँसूओं की धारा बहने लगी। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत जनाबे सकीना और ग़ाज़ी अब्बास का अलम ज़ियारत को निकाला गया।अक़ीदतमन्दों ने ताबूत और अलम का बोसा लेकर मन्नते व मुरादें मांगी। अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के नौहा ख्वान शबीह अब्बास जाफरी,अस्करी अब्बास ने जनाबे सकीना और हज़रत अब्बास की याद मैं ग़मगीन नौहा पढ़ा। मजलिस में जावेद अफसर आब्दी, सै०मो०अस्करी, हसन नक़वी, अहमद जावेद, यूशा आब्दी, ज़ामिन हसन, मन्ज़र अब्बास, महशर अब्बास,ताबिश सरदार, तक़ी आब्दी, फैसल आब्दी आदि मौजूद रहे।
पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…