SC ने कहा-आप असंतोष की आवाज को इस तरह बंद नहीं कर सकते…
राजस्थान मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की,जस्टिस अरुण मिश्रा ने स्पीकर सीपी जोशी की दलील सुनने के बाद कहा कि लोकतंत्र में असंतोष की आवाज इस तरह बंद नहीं हो सकती।उन्होंने कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या लोकतंत्र में असहमति (विधायकों की आवाज) को बंद किया जा सकता है?
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि मान लीजिए किसी नेता का किसी पर भरोसा नहीं,तो क्या आवाज उठाने पर उसे अयोग्य करार दिया जाएगा,पार्टी में रहते हुए वे अयोग्य नहीं हो सकते,फिर ये यह एक उपकरण बन जाएगा और कोई भी आवाज नहीं उठा सकेगा।लोकतंत्र में असंतोष की आवाज इस तरह बंद नहीं हो सकती।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या लोकतंत्र में असहमति (विधायकों की आवाज) को बंद किया जा सकता है? यह कोई मामूली बात नहीं है,ये जनता द्वारा चुने गए लोग हैं।जस्टिस मिश्रा ने कहा कि केवल एक दिन की बात है आप इंतजार क्यों नही कर लेते? आखिरकार वे लोगों द्वारा चुने गए हैं, क्या वे अपनी असहमति व्यक्त नहीं कर सकते?
कपिल सिब्बल ने कहा कि लेकिन फिर भी उन्हें जवाब देना होगा,यह स्पीकर ही तय करेंगे, कोई कोर्ट नहीं।सदन में क्या कब और कैसे करना है? ये तय करने का अधिकार स्पीकर का है।
इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि स्पीकर कोर्ट क्यों आए? वो नुट्रल होते हैं. वो कोई प्रभावित पक्ष नहीं हैं,फिर जस्टिस मिश्रा ने कहा केवल एक दिन की बात है आप इंतजार क्यों नही कर लेते?
जवाब देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि सचिन पायलट और अन्य को ये बताना होगा कि होटल में क्यों थे?अगर स्पीकर संतुष्ट हुए तो कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन अदालत कैसे निर्देश दे सकती है?
फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तो आपको केवल दो शब्दों में समस्या है,हर जगह आदेश ‘अनुरोध’ कह रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कपिल सिब्बल से पूछा कि पार्टी की भीतर लोकतंत्र पर आपकी क्या राय है. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि ये विधायकों पर है, इसका जवाब उन्हें देने दीजिए. उन्हें कहने दीजिये की वो छुटियों पर थे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या पार्टी की मीटिंग में शामिल न होने और व्हिप जारी किया जा सकता है? इस पर कपिल कि सिब्बल ने कहा कि जी जोशी ने व्हिप जारी नहीं किया था,वो केवल एक नोटिस था।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…