विकास दुबे मुठभेड़ मामला…
उज्जैन में गिरफ्तारी के समय विकास दुबे (फाइल फोटो) 👆
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज व एक पूर्व डीजीपी भी होंगे न्यायिक आयोग के सदस्य…
चीफ जस्टिस भी हैरान- ढेर सारे मामले होने के बावजूद कैसे मिली विकास को जमानत, आदेश और रिपोर्ट तलब…
यूपी सरकार द्वारा गठित न्यायिक कमेटी में बदलाव होगा: अगली सुनवाई 22 जुलाई को…
लखनऊ/नई दिल्ली। कानपुर में एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के बारे में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने इस बात पर हैरानी जताई कि विकास दुबे के खिलाफ ढेर सारे मामले दर्ज होने के बावजूद उसे जमानत पर रिहा कैसे कर दिया गया था। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे की जमानत संबंधी सारे आदेश और रिपोर्ट तलब की है। विकास दुबे एनकाउंटर मामले में उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक जांच के संबंध में मसौदा अधिसूचना पेश करेगी। यूपी सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह जांच समिति द्वारा सुझाए गए बदलावों के संबंध में अधिसूचना का मसौदा 22 जुलाई को पेश कर देगी।
उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से जांच समिति में शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश और एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को शामिल करने पर विचार करने को कहा है। कोर्ट ने साफ कहा है कि हम शीर्ष अदालत के किसी मौजूदा न्यायाधीश को जांच समिति का हिस्सा बनने के लिए उपलब्ध नहीं करा सकते हैं। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें विकास दुबे और उसके कथित सहयोगियों की मुठभेड़ों की अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध किया गया है।
“सरकार को कानून का शासन बनाए रखना होगा”
पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि उसे ‘‘कानून का शासन बनाये रखना होगा।” शीर्ष अदालत ने कहा, “एक राज्य के तौर पर आपको कानून का शासन बरकरार रखना होगा। ऐसा करना आपका कर्तव्य है।” पीठ ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के किसी पीठासीन न्यायाधीश को जांच समिति का हिस्सा बनने के लिए उपलब्ध नहीं करा सकती। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि उन्हे इस मुद्दे पर आवश्यक निर्देश प्राप्त करने और उससे न्यायालय को अवगत कराने के लिये कुछ वक्त चाहिए। पीठ ने सॉलीसीटर जनरल से कहा कि अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कोई बयान देते है और इसके बाद कुछ होता है तो आपको इस पर गौर करना होगा।
पीठ ने कहा, “हम इस बात से चकित हैं कि विकास दुबे जैसे व्यक्ति को इतने सारे मामलों के बावजूद जमानत मिल गई।” पीठ ने कहा, “यह संस्थान की विफलता है कि जिस व्यक्ति को जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए, उसे जमानत मिली।” बता दें कि यूपी सरकार ने मुठभेड़ की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज का न्यायिक आयोग बनाने की बात कही। लेकिन याचिकाकर्ता ने इस पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने इसमें बदलाव की बात कही। अब इस मामले की अगली सुनवाई बुधवार 22 जुलाई को होगी, यूपी सरकार को इस दौरान न्यायिक जांच पर ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पेश कराना होगा। (20 जुलाई 2020)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,