मानव संपदा दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया फर्स्ट और सरल बनाने की मांग…
पिछले कई महीने से शिक्षक और कर्मचारियों की डाटा मानव संपदा पोर्टल में फीडिंग का कार्य चल रहा है। प्रत्येक जिले की खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर शिक्षकों को अपना डाटा संशोधन कराने के लिए बुलाया जा रहा है परंतु समुचित व्यवस्था ना होने तथा पोर्टल में कई खामियां होने के कारण शिक्षकों की फील्डिंग जो कि गलत फीड है कई बार जाने के बाद भी सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं दिखती ।
शिक्षक इन विपरीत परिस्थितियों में कई कई बार एप्लीकेशन लेकर बीआरसी पर जाने को मजबूर है परंतु कोई सुधार नहीं हो रहा है।
मानव संपदा पोर्टल में फिडीग का कार्य बीआरसी पर अनुदेशक ,कहीं बाबू , कहीं कुछ शिक्षक कर रहे हैं जिन्हें कोई विशेष टेक्निकल ट्रेनिंग नहीं दी गई है जिससे समस्याओं का समाधान करने में उन्हें दिक्कत आ रही है, तकनीकी कठिनाइयोंऔर सरलता ना होने के कारण सभी परेशान हैं।
जिन शिक्षकों के सर्विस बुक वा अन्य सूचना की फीडिंग सही नहीं है । शिक्षक प्रार्थना पत्र लेकर कई कई बार बीआरसी पर जाता है सुधार कराने हेतु से बुलाया भी जाता है ,परंतु अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है
ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर अक्सर सहायता हेतु कोई मिलता नहीं है ,तो कभी एप्लीकेशन लेकर उन्हें लौटा दिया जाता है। हर बार नई सूची बना कर बताया जा रहा है कि 50 प्रतिशत शिक्षकों ने डाटा फीड नहीं कराया है इसके लिए शिक्षक दोषी हैं जबकि जनरेट की गई आईडी से ना तो सर्विस बुक खुल रही है और ना ही अन्य पेज। पोर्टल यदि ठीक से काम नहीं कर रहा है तो इसकी सजा निर्दोष शिक्षकों और कर्मचारियों को क्यों दी जा रही है।
खंड शिक्षा अधिकारी स्पष्ट रणनीति बनाकर शिक्षकों को बीआरसी पर बुलाने की व्यवस्था करें ताकि कोरोना की महामारी में शिक्षकों को संक्रमण से बचाया जा सके तथा उन्हें सार्वजनिक संसाधनों से यात्रा करके पहुंचने की मानसिक तनाव से बचाया जा सके।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ
अध्यक्ष रीना त्रिपाठी
सरोजनी नगर लखनऊ।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…