पुलिस द्वारा हड़पे गए 70 लाख रुपए के चर्चित मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई…

पुलिस द्वारा हड़पे गए 70 लाख रुपए के चर्चित मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई…

अदालत में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है: आरोपी निलंबित इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान जेल में हैं बंद…

  जेल में बंद आरोपी निलंबित इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान 👆

सभी आरोपी 7 पुलिसकर्मी हैं निलंबित: “हिंद वतन समाचार” अक्टूबर 19 से लगातार चला रहा है खबर…

  “हिंद वतन समाचार” पर इसी मामले की चली खबर 👆

लखनऊ। गाजियाबाद में एटीएम कैश वैन से अप्रैल 2019 में करीब साढ़े 3 करोड़ रुपए के गबन के मामले में सितंबर 2019 में हुई आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनसे बरामद 1करोड़ 15 लाख की बरामदगी में से लिखापढ़ी में 45 लाख 81 हजार रुपए ही दिखाए जाने तथा 69 लाख 19 हजार रुपए हड़पे जाने के मामले में लिंक रोड थाने की तत्कालीन थाना प्रभारी (अब जेल में बंद) लक्ष्मी सिंह चौहान, एसआई पवन कुमार पचौरी एवं 5 सिपाहियों के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने पैसे की हेराफेरी की आगे की जांच आज 8 महीने 19 दिन बाद एसआईटी को सौंप दी है।
हालांकि गाजियाबाद पुलिस ने लक्ष्मी सिंह चौहान सहित सभी आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया है। “हिंद वतन समाचार” ने इस मामले में पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए गबन, उनके जेल जाने तक 17, 21 एवं 31अक्तूबर तथा 2 नवंबर 19 को प्रमुखता से खबर चलाई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुलिस विभाग पर इस मामले में “हंटर” चलने के बाद फरार चल रहीं इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान ने एक महीने 13 दिन बाद गाजियाबाद पुलिस को धता बताते हुए मेरठ में एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर किया था। 21 सितंबर 19 की सुबह ही इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान व “फरार” चल रहे अन्य सभी 6 आरोपी पुलिसकर्मियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया था।
ये है 69 लाख 19 हजार के गबन का पूरा मामला
साहिबाबाद साइट-4 औद्योगिक क्षेत्र स्थित सीएमएस इंफो सिस्टम कंपनी एटीएम में कैश डालने का काम करती है। कंपनी ने 22 अप्रैल 2019 को लिंक रोड थाने में कैश कस्टोडियन एजेंट राजीव सचान के विरुद्ध 72 लाख 50 हजार रुपए के गबन की एफआईआर दर्ज कराई थी। बाद में जांच में करीब साढ़े 3 करोड़ रुपए का गबन किए जाने का मामला सामने आया। लिंक रोड थाना प्रभारी लक्ष्मी सिंह चौहान व उनकी टीम ने 24 सितंबर 2019 की रात राजीव सचान व उसके साथी आरिफ को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इनके पास से 45 लाख 81 हजार 5 सौ रुपए की बरामदगी दिखाई जबकि बताया जा रहा है कि एक करोड़ 15 लाख की नगदी पुलिस ने बरामद की थी, इसका पता चलने तथा रुपयों से भरा बैग अपनी प्राइवेट कार में रखते हुए इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद होने की बात सामने आने के बाद तत्कालीन एसएसपी ने एफआईआर दर्ज कराकर आरोपी सातों पुलिसकर्मियों को 26 सितंबर को सस्पेंड कर दिया था।

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,