मन की बात में बोले पीएम मोदी, दो गज दूरी बहुत है जरूरी…

मन की बात में बोले पीएम मोदी, दो गज दूरी बहुत है जरूरी…

कोरोना से हम मजबूती से लड़ रहे…

कोरोना काल और देश में जारी लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश की जनता से एक बार फिर ‘मन की बात’ कर रहे हैं।पीएम ने कहा कि दो महीने के लॉकडाउन के बाद देश में एक बार फिर से सबकुछ खुल रहा है ऐसे में हमें और भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।पीएम ने कहा कि सरकार कोरोना से डटकर मुकाबला कर रही है. पीएम ने कहा कि देश में सभी के सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बड़ी मजबूती से लड़ी जा रही है. पीएम ने एक बार फिर दो गज की दूरी बहुत है जरूरी पर जोर दिया।

पीएम ने कहा कि तमाम सावधानियों के साथ हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुए हैं, यानी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है. ऐसे में हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्कयकता है। दो गज की दूरी का नियम हो, मुंह पर मास्क लगाने की बात हो, इन सारी बातों का पालन करना है।

प्रधानमंत्री ने मन की बात में देश के ऐसे कुछ लोगों का जिक्र भी किया जो कोरोना काल में लगतार लोगों की मदद में लगे हुए हैं. पंजाब के पठानकोट से दिव्यांग भाई राजू ने दूसरों की मदद से जोड़ी गई छोटी सी पुंजी से 3000 से अधिक मास्क बनाकर लोगों में बांटे और 100 परिवारों के लिए राशन जुटाया। सेवाभाव से लोगों की मदद कर रहे ऐसे सभी लोगों की मैं प्रशंसा करता हूं, उनका तहे दिल से अभिनंदन करता हूं।
पीएम ने कहा कि एक और बात जो मेरे मन को छू गई, वो है संकट की इस घड़ी में इनोवेशन, गांवों से लेकर शहरों तक छोटे व्यापारियों से लेकर स्टार्ट-अप तक, हमारी लैब्स कोरोना से लड़ाई में नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं, नए इनोवेशन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश के श्रमिकों की पीड़ा आज पूरा देश महसूस कर रहा है. रेलवे उनकी सेवा में लगातार लगी हुई है. पूर्वी भारत के लोग देश की अर्थव्यवस्था में अहम रोल अदा करते हैं. प्रवासी मजदूरों को देखते हुए बहुत से कदम उठाना आवश्यक हो गया है और हम उसकी तरफ आगे बढ़ रहे हैं।

पीएम ने कहा कि आज आत्मनिर्भर भारत की अत्यधिक आवश्यकता महसूस की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों को स्किल्ड बनाने के लिए कई कदम उठा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई का रास्ता लंबा है।एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज ही नहीं है, जिसका पहले का अनुभव ही नहीं है, तो ऐसे में नई-नई चुनौतियां और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं. देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है और वो है- देशवासियों की सेवाशक्ति।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…