1826 से प्रारंभ हुआ हिंदी पत्रकारिता का सफर आज 193 वर्ष पूरे कर 194 वे वर्ष में प्रवेश कर रहा है…
कानपुर: हिंदी पत्रकारिता दिवस 30 मई को मनाया जाता है इसी तिथि को पं०युगल किशोर शुक्ला ने 30 मई 1826 ईस्वी में प्रथम हिंदी समाचार पत्र उदन्त मार्तंण्ड का प्रकाशन आरंभ किया था,जो कि पेशे से वकील थे और उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के रहने वाले थे। पी पी एन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राकेश कुमार यादव ने बताया कि हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत बंगाल से हुई थी।हिंदी अखबार का समाचार पत्रकारिता के क्षेत्र में काफी तेजी आई जिससे साक्षरता बड़ी और पंचायत स्तर पर राजनीतिक चेतना बड़ी। हिंदी पाठक अखबार के इतने दीवाने होते हैं,चाहे अखबार महंगा हो,कम पन्ने वाला हो, खराब कागज वाला अखबार हो वे खरीदते हैं और पढ़ते थे।उदन्त मार्तंण्ड एक साहसी प्रयोग था लेकिन पैसों के अभाव में 1 साल भी नहीं चल पाया। इस साप्ताहिक समाचार पत्र की पहले अंक की 500 प्रतियां छापी गयी।उदन्त मार्तंण्ड का शाब्दिक अर्थ “समाचार सूर्य” यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में यह समाचार पत्र एक मील का पत्थर साबित हुआ। यह समाचार पत्र जिस इच्छा शक्ति के साथ प्रकाशित हुआ वह पत्र पत्रकारिता के वटवृक्ष के रूप में हमारे सामने हैं। ब्रिटिश सरकार की निरंकुशता के कारण यह समाचार पत्र भले ही बंद हो गया हो,लेकिन इसकी स्मृति आज भी पत्रकारिता के पटल पर विद्यमान हैं। देश में गरीबी हटाने के तो कई नुस्खे आजमाए गए लेकिन पत्रकारो की गरीबी हटाने का आज तक कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ है।सरकारी नौकरी की तो गारंटी है लेकिन पत्रकार भाइयों की कोई गारंटी नहीं है।कोरोना संक्रमण महामारी में पत्रकार भाइयों द्वारा दी गई सेवा मानवता की नई मिसाल कायम की है।आप एक योद्धा की भाति समाज सेवा कार्य कर रहे हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…