कोरोना की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन की वजह से अप्रैल महीने में आठ प्रमुख उद्योगों वाले कोर सेक्टर के उत्पादन में 38.1 फीसदी की गिरावट आई है. मार्च 2020 में आठ कोर सेक्टर के उत्पादन में 9 फीसदी की गिरावट आई थी. कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से इनके उत्पादन में भारी गिरावट आई है.
क्या है कोर सेक्टर का महत्व
कोर सेक्टर के इंडस्ट्रीज में कोयला, सीमेंट, स्टील, नेचुरल गैस, रिफाइनरी, बिजली, उर्वरक और क्रूड ऑयल को शामिल किया जाता है. देश के कुल औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में कोर सेक्टर का वेटेज करीब 40.27 फीसदी होता है. इस दौरान सबसे ज्यादा झटका स्टील और सीमेंट सेक्टर को लगा है जिनके उत्पादन में क्रमश: 83.9 फीसदी और 86 फीसदी की गिरावट आई है. इस दौरान कोयला के उत्पादन में 15.5 फीसदी की गिरावट आई है. इसी तरह कच्चे तेल के उत्पादन में 6.4 फीसदी की गिरावट आई है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने के दौरान प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 19.9 फीसदी की भारी गिरावट आई है. इस दौरान रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में भी 24.2 फीसदी की भी गिरावट आई है.
स्टील और सीमेंट सेक्टर को तगड़ा झटका
इस दौरान उर्वरक के उत्पादन में 4.5 फीसदी की गिरावट आई है. इसी तरह सीमेंट के उत्पादन में 86 फीसदी की जबरदस्त गिरावट आई है. अप्रैल में बिजली के उत्पादन में 22.8 फीसदी की गिरावट आई है. इस दौरान सबसे ज्यादा झटका स्टील और सीमेंट सेक्टर को लगा है. इस दौरान बिजली के उत्पादन में 22.8 फीसदी की भारी गिरावट आई है।
इसके पहले इस साल फरवरी में आठ प्रमुख उद्योगों वाले कोर सेक्टर का ग्रोथ 11 महीने के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया था. फरवरी में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 5.5 फीसद पर थी।जनवरी में कोर सेक्टर के उत्पादन में महज 2.2 फीसदी की बढ़त हुई थी।