प्रवासी मजदूर का सामान रोड से क्वॉरेंटाइन सेंटर तक ले जाना सफाई कर्मी को पड़ा महंगा…
मिर्ज़ापुर-शाहजहांपुर। प्रवासी मजदूर का सामान रोड से क्वॉरेंटाइन सेंटर तक ले जाना सफाई कर्मी को महंगा पड़ गया। हुआ यह कि बीती रात ब्लाक मिर्जापुर मे स्थिति धर्मजीत सिंह पीजी कॉलेज में क्वॉरेंटाइन का सेंटर बना हुआ है जहां पर बाहर से प्रवासी मजदूर धर्मजीत सिंह पीजी कॉलेज के रोड पर खड़े थे। कॉलेज में तैनात सफाई कर्मी कृष्णपाल सिंह प्रवासी मजदूरों का सामान रोड से कॉलेज के अंदर ले जाने के लिए गया था। जब रोड से कॉलेज के लिए सफाई कर्मी कृष्णपाल सिंह बाहर से आए प्रवासी मजदूरों का सामान ले जा रहा था। तभी वहीं पर तैनात तहसीलदार कलान प्रभाकर त्रिपाठी ने बाहर से आए प्रवासी मजदूरों पर डंडे बरसाना प्रारंभ कर दिया और सफाई कर्मी की भी बुरी तरह से पिटाई कर दी। जब सफाई कर्मी ने तहसीलदार प्रभाकर त्रिपाठी से कहा कि मेरी भी ड्यूटी यही लगी हुई है तो तहसीलदार ने जातिसूचक शब्द का प्रयोग करते हुए सफाई कर्मी कृष्णपाल सिंह से अभद्रता की। कृष्णपाल का आरोप है कि तहसीलदार ने कहा कि सरकार ने नीची जाति के कैसे सफाई कर्मी रख लिए हैं। साथ ही आपको बताते चलें की इस कोरोना महामारी के संकट काल में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इन कोरोना योद्धाओं को तरह-तरह की सुविधा उपलब्ध करा रही है और इन कोरोना के योद्धाओं पर पुष्प की वर्षा कर हौसला बुलंद कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ तहसीलदार कलान प्रभाकर त्रिपाठी उन पर लाठी व डंडों से उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। प्रवासी मजदूर बीती रात में क्वॉरेंटाइन सेन्टर में आए हुए थे। प्रशासनिक अधिकारी ने सुबह होते ही भगा दिए। मजदूरों ने बताया कि इस सेंटर में खाने-पीने तक की व्यवस्था नहीं है। प्रवासी मजदूर के इस बयान से शासन व प्रशासन की पोल खुलती नजर आ रही है। जब इसकी भनक जिले के उच्च अधिकारियों को लगी तो वहां पर एसडीएम जलालाबाद सतीश चंद्रा व एसडीएम कलान रमेश बाबू मौके पर पहुंचे। सफाई कर्मी ने एसडीएम के माध्यम से जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन देकर तहसीलदार के वविरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।
पत्रकार सतीश चंद्र की रिपोर्ट…