फसल पकने व कटने के लिए ऐसे मौसम को अनुकूल बता रहे…

फसल पकने व कटने के लिए ऐसे मौसम को अनुकूल बता रहे…

इटावा- लखना चिलचिलाती धूप और गर्म हवा चलने से जहां लोग परेशान थे, वहीं किसान गेहूं की फसल पकने और कटने के लिए ऐसे मौसम को अनुकूल बता रहे थे। गुरुवार की रात से मौसम में एकाएक परिर्वतन से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई। गुरुवार की रात से हवा के झोंके के बीच आसमान में काले बादल मंडराने लगे। इसे देख किसान परेशान हो उठे। पूरे क्षेत्र मे गेहूं कटाई का काम जोर शोर से चल रहा है। ऐसे में बारिश हुई तो काफी नुकसान होगा। पिछले साल गेहूं की फसल बेमौसम बारिश के भेंट चढ़ गई थी।
गत कई दिनों से हो रही गर्मी से आज काफी राहत रही। सुबह से ही हवा के झोंकों व काले बादलों ने मौसम में ठंडक घोले रखने से हालात सामान्य रहे, लेकिन गेहूं किसानों की मुश्किलें सुबह से ही रही। गेहूं की फसल को लेकर चिंता में डूबे किसानों का हाल बेहाल रहा। सुबह 10 बजे तक कभी धूप तो कभी छांव की आंख मिचैली होती रही। दस बजे के बाद से आसमान में काले बादल छाए रहे। अचानक मौसम में हुए बदलाव से किसानो की चिंता बढ़ गईं। विभिन्न क्षेत्रों में किसान ईश्वर से प्रार्थना करते रहे कि बारिश न हो ताकि वे अपनी फसल को सही सलामत घर तक पहुंचा सके। कैशोंपुर के किसान ध्रुवराज ने बताया की गेंहू की फसल तैयार है। यदि बारिश हो गई तो किसानों को काफी नुकसान हो जाएगा। किसान विनोद सिंह राजावत व कालिन्दी सिंह कहते हैं कि मौसम में आया बदलाव किसानों को परेशान करने वाला है। किसान रामनरेश त्रिपाठी व अरविंद कल्लू कहते हैं कि हम जल्द से जल्द अपनी फसल को घर लाने की कोशिश में लगे हुए हैं। किसानों का कहना कि उनकी नब्बे फीसद से अधिक फसल पाक कर तैयार हैं, बस थोड़ी से कसर है। जो दो-चार दिन में पूरी हो जाएगी। इस समय ओला पड़ने की संभावना काफी होती है और हवा भी काफी तेज चलती है। गेंहू के मौसम में पिछले वर्षो में कई बार तेज बारिश और ओले पड़ने से किसानों को नुकसान हो चुका है। इससे किसान आशंकाओं से घिरे हैं।

पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…