21 दिन के लाक डाउन के बीच विभिन्न राज्यों और शहरों से अपने गाँव लौटने वालों से…
इस वक्त बहुत ही धीरज के साथ पेश आने की जरूरत…
फर्रुखाबाद/उत्तर प्रदेश: । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.चंद्रशेखर ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में किये गए 21 दिन के लाक डाउन के बीच विभिन्न राज्यों और शहरों से अपने गाँव लौटने वालों से इस वक्त बहुत ही धीरज के साथ पेश आने की जरूरत है।
एक ही झटके में इतना बड़ा फैसला लेकर वह गाँव इसलिए लौटे हैं कि वहां उनका दुःख-दर्द बेहतर तरीके से समझने वाले अपने लोग हैं। ऐसे में सभी की जिम्मेदारी उनके प्रति बढ़ जाती है कि उनके हौसले को बढ़ाने को लोग आगे आएं ताकि कोई भी अपने को अकेला न समझे। इस दौरान अस्थायी स्क्रीनिंग शिविरों/आश्रय स्थलों ;क्वेरेनटाइनद्ध में 14 दिनों के लिए रखे गए लोगों को भी समझाएं कि यह उनके अपने और अपनों की भलाई के लिए किया गया है ताकि देश कोरोना वायरस को हराने में सफल हो सके।
प्रधानमंत्री से लेकर स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा लगातार यह अपील की जा रही है कि इस मुसीबत की घडी में किसी के भी मन में एक पल के लिए यह भाव न आने पाए कि वह अकेला है क्योंकि इस वक्त उसके साथ पूरा देश खड़ा है। कोरोना वायरस के चलते जो स्थिति पैदा हुई है वह स्थायी रूप से रहने वाली नहीं है , कुछ ही दिनों में यह मुश्किल वक्त खतम हो जाएगा और फिर से जिन्दगी चल पड़ेगी । ऐसे लोगों के सामने किसी भी तरह की दया को प्रतिबिंबित करने के बजाय जीत के भाव से पेश आयें ,क्योंकि ऐसे वक्त में आगे के रोजी-रोजगार की चिंता उनको हर पल सता रही होगी। ऐसे में वह कोई गलत कदम उठाने को न मजबूर हों, इस बारे में भी सभी को सोचना चाहिए। उनको इस मनोदशा से उबारने के लिए ही सरकार उनकी काउंसिलिंग के लिए मनोचिकित्सकों की भी मदद ले रही है ।
लोग क्या कहेंगे का भाव मन में न आए गाँव लौटने वालों के साथ सम्मान का व्यवहार करें और समझाने की कोशिश करें कि उन्होंने समाज और घर-परिवार के लिए बहुत कुछ किया है ।
पत्रकार राहुल सिंह चौहान की रिपोर्ट..