विष्व बैंक ने विडियों कांफ्रेसिंग के द्वारा यू0पी0डब्लू0एस0आर0पी0 के कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की…
मुख्यमंत्री एवं जलषक्ति मंत्री की अपेक्षाओं के अनुरूप जल संचयन, जल संबर्धन एवं जल संरक्षण की कारगर रणनीति तैयार की जाय…
विगत 03 वर्शो की परियोजनाप्रगति निसंदेह सराहनीय हैं आई0जे0एस0 ब्राॅड, टीम लीडर, विष्व बैंक…
परियोजना पूर्ण होने पर 1.62 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचन क्षमता में वृद्धि होगी जिससे 7.17 लाख किसान होंगे लाभान्वित…
प्रदेश के जल षक्ति विभाग के अन्तर्गत सिंचाई विभाग की महात्वाकांक्षी विष्व बैंक पोशित परियोजना उ0प्र0 वाॅटर सेक्टर रीस्ट्रक्चरिंग परियोजना के द्वितीय चरण की अद्यतन प्रगति की समीक्षा कल पैक्ट सभागार में विडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विष्व बैंक टीम लीडर द्वारा की गयी। विष्व बैंक टीम लीडर ने दिल्ली स्थित अपने राश्ट्रीय कार्यालय से विड़ियों कांफे्रंसिंग के द्वारा पैक्ट संगठन के सभी कार्यदायी विभागों के विषेशज्ञों/अधिकारियों से अपेक्षा की वे निर्धारित समयसीमा के अन्तर्गत निर्धारित मानकों के अनुरूप सभी कार्यो को पूर्ण करें।
विष्व बैंक टीम लीडर आई0जे0एस0 ब्राॅडने उत्तर प्रदेष के मुख्यमंत्री एवं जलषक्ति मंत्री की अपेक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेष में जल संचयन, जल संरक्षण, जल संवर्धन तथा जल संभरण हेतु कारगर रणनीति बनायी जायें, जिससे कि उ0प्र0 इस क्षेंत्र में देष का अग्रणी प्रदेष बन सकें। उन्होंने कहा कि पिछले भ्रमण के दौरान उन्होने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री जी के अर्थिक सलाहकार, श्री के0बी0 राजू से विस्तार में चर्चा की थी। इस क्रम में उन्होंने आष्वस्त भी किया था कि षीघ्र ही जल षक्ति विभाग के द्वारा इस दिषा में समावेषी जल संरक्षण की कार्ययोजना बनायी जायेगी।
मुख्य अभियन्ता, पैक्ट श्री ए0के0 सेंगर ने विष्व बैंक दल को विगत 03 वर्शो की तुलनात्मक प्रगति से अवगत कराया। इस पर विष्व बैंक के टीम लीडर आई0जे0एस0 ब्राॅड ने अपना मन्तब्य देते हुए कहा कि विगत 03 वर्शो में जो प्रगति की है, वह प्रषंसनीय है। विष्व बैंक टीम लीडर ने परियोजना के अन्तर्गत आने वाले डैम्स/बांधोके आपातकालीन योजना का पुनरीक्षण षीघ्र ही इसे समयानिकूल, संषोधित करने की अपेक्षा की, जिससे कि आपात स्थिति में जन धन की सुरक्षा की जा सकें।
मुख्य अभियन्ता, पैक्ट ने वीडियो कांफे्रंसिंग के द्वारा बताया कि परियोजना अन्तर्गत विभागीय 12 सगंठनों एवं 04 कार्यदायी विभागों, कृशि, भू-गर्भ जल, ग्राम्य विकास संस्थान एवं रिमोट सेंसिंग एप्लीकेषन सेंटर के द्वारा लक्षित कार्यो को पूरा किया जा राहा है। इसी क्रम में श्री सेंगर ने बताया कि समान्तर निचली गंगा नहर पी0एल0जी0सी0 की अधुनिकीकरण एवं पुनर्रोद्धार के द्वारा नहर की क्षमता 4200 क्यूसेक से बढ़ाकर 6480 क्यूसेक कर दी गयी है। इसे बढ़ाकर 8900 क्यूसेक करने के लिये लाईनिंग कार्य प्रगति पर है जिसका अभी विष्व बैंक दल ने भ्रमण कर कार्य की प्रगति की सराहना की है। श्री सेंगर ने यह भी बताया कि षारदा संगठन के अन्तर्गत हैदरगढ़ षाखा प्रणाली (किमी0 22.98 से टेल तक) की 685 किमी0 नहरों की पुर्नस्थापना एवं लाईनिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
सहभागी सिंचाई प्रबंधन के अन्तर्गत परियोजना के बेतवा, षारदा सहायक, रामगंगा संगठनों के द्वारा 29778 कुलाबा समितियों व 1358 अल्पिका समितियों, 227 रजबहा समितियों का गठन कर दिया गया है तथा रामगंगा संगठन में 743 अल्पिका व 168 रजबहा बेतवा संगठन में 40 अल्पिका और 04 रजबहा और षारदा सहायक संगठन में 24 अल्पिका और 16 रजबहा स्तर की समितियों को नहर प्रबंधन (सिंचाई प्रबंधन) का कार्य हस्तांतरित कर दिया गया है तथा षेश समितियों को हस्तांतरण की कार्यवाही प्रगति पर है।
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,