आफरी के चंदन से महकेगा मारवाड़…
जोधपुर, 12 जनवरी । शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) जोधपुर से चंदन की किस्म से अब राजस्थान महकेगा। आफरी द्वारा अपनी प्रयोगशालाओं एवं नर्सरी में तैयार जैविक उर्वरक से उपचारित चंदन के पौधों जिससे उन्नत किस्म की पौध तैयार करने के लिए परीक्षण किया जा रहा है।
इस संबंध में आफरी द्वारा गुरुवार को जोधपुर के लोहावट के किसान विजय कृष्ण राठी के खेत पर चंदन के पौधे लगाने के लिए एक एमओयू हस्ताक्षर किया गया। संस्थान को निःशुल्क 1.5 हेक्टर जमीन मुहैया कराई जाएगी और संस्थान द्वारा लगाये गये पौधारोपण की देखरेख भी की जायेगी।
इस अवसर पर आफरी के निदेशक मानाराम बालोच ने कहा कि आफरी जोधपुर द्वारा पिछले कई वर्षो से शोध कर उन्नत किस्म के चंदन के पौधे विकसित किये गये है। ये चंदन के पौधे उच्च गुणवत्ता वाले है।
परियोजना प्रभारी डॉ. संगीता सिंह ने बताया की यह परियोजना केन्द्र सरकार के कैंपा के अंतर्गत अनुदानित है। यह जैविक उर्वरक हमारे ही संस्थानों द्वारा तैयार किए गए है और कई वर्षो के परीक्षण के बाद विभिन्न स्थानों पर किसानों के खेतो में लगाया जा रहा है।
संस्थान के समूह समन्वयक (शोध) डॉ. तरुणकांत ने बताया की चंदन की खेती से नई क्रांति आने की संभावना है जो चंदन आज दक्षिण भारत की शोभा के रूप में जाना जाता है वो अब मरुप्रदेश की शोभा बढ़ायेगा। चंदन की पौध कृषि वानिकी के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दे सकती है साथ ही साथ किसानों की आय में भी वृद्धि करने में मील का पत्थर साबित होसकती है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…