पुलिसकर्मियों के बैंक खाते एक्सिस बैंक में ट्रांसफर करने के मामले में दायर याचिका…

पुलिसकर्मियों के बैंक खाते एक्सिस बैंक में ट्रांसफर करने के मामले में दायर याचिका…

पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस को नोटिस जारी किया…

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक मोहनीश जाबालपुरे द्वारा दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया है भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और राज्य के पुलिस कर्मियों और संजय गांधी निर्धन योजना के लाभार्थी के बैंक खातों को एक्सिस बैंक में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। एक्सिस बैंक में देवेंद्र फडणवीस की पत्नी एक वरिष्ठ पद पर काम करती हैं।

न्यायमूर्ति रवि देशपांडे और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने इस याचिका पर मुख्य सचिव, महाराष्ट्र राज्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग और पुलिस महानिदेशक, महाराष्ट्र को नोटिस जारी करते हुए 8 सप्ताह में जवाब देने को कहा।

11 मई 2017 को सरकारी सर्कुलर के माध्यम से खाते एक्सिस बैंक में ट्रांसफर किए गए थे। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस सर्कुलर के कारण, राष्ट्रीयकृत बैंकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और फडणवीस का निर्णय उस बैंक का पक्ष लेने के इरादे से लिया गया जिसमें उनकी पत्नी अमृता फडणवीस वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं।

याचिका में आगे कहा गया है कि अतिरिक्त लाभ जैसे कि आकस्मिक दावा, एक डेबिट कार्ड जो एक्सिस बैंक द्वारा दिया जा रहा है, राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा भी दिया जा सकता था, लेकिन राज्य सरकार ने इसके लिए आवेदन आमंत्रित नहीं किए। ट्रांसफर किए गए ये खाते पहले भारतीय स्टेट बैंक में थे।

जनहित याचिका में कहा गया है

“महाराष्ट्र राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने बैंक के लिए आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल किया, जिसमें अमृता फडणवीस बिना किसी लोकहित के उच्च पद पर काम कर रही हैं।

यह केंद्रीय ब्यूरो द्वारा जांच करने के लिए एक उचित मामला है और इसके लिए अदालत जांच का आदेश दे सकती है। भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) (iii) या भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के किसी भी उपयुक्त प्रावधान और भारतीय दंड संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार प्रतिवादी नंबर 2 (फड़नवीस) और प्रतिवादी नंबर 4 (एक्सिस बैंक) के साथ-साथ बैंक और राज्य सरकार के शामिल अन्य व्यक्तियों और अधिकारियों के खिलाफ उक्त प्रावधानों के तहत कार्रवाई की आवश्यकता है।”

याचिकाकर्ता ने दिनांक 11-5-2017 को जारी उक्त सर्कुलर को रद्द करने के निर्देश देने की मांग की है और साथ ही केंद्रीय जांच ब्यूरो को जांच के निर्देश देकर खातों के हस्तांतरण से संबंधित संपूर्ण लेनदेन की जांच शुरू करवाने का अनुरोध किया है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…