मणिपुर: आदिवासी विधायकों ने सुरक्षा बलों पर ज्यादती का आरोप लगाया…
इम्फाल, 03 नवंबर । मणिपुर में इस हफ्ते एक पुलिस उपाधीक्षक की हत्या के बाद, 10 आदिवासी विधायकों ने मोरेह शहर में राज्य के सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों के खिलाफ गैर-पेशेवर व्यवहार और ज्यादती किये जाने पर चिंता जताई है।
कुकी-जोमी-हमार समुदाय से आने वाले विधायकों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि कर्तव्य निर्वहन करते हुए पुलिस उपाधीक्षक की मौत होना दुखद है। साथ ही उन्होंने कहा, ”हम तेंगनौपल जिले के मोरेह और अन्य स्थानों पर हमारे लोगों के खिलाफ राज्य के सुरक्षा बलों द्वारा लगातार ज्यादती व अत्याचार किये जाने को रेखांकित करना चाहेंगे।”
विधायकों ने दावा किया कि राज्य के सुरक्षा बलों ने आगजनी, अंधाधुंध गोलीबारी करने, और नागरिक संपत्ति, वाहन, अन्य घरेलू सामान लूटने तथा बगैर उकसावे के बर्बरता की, जिसके चलते आम लोगों को घर-बार छोड़ कर भागने को मजबूर होना पड़ा।
इन विधायकों के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारियों ने बताया कि मोरेह में अभियान इस तरीके से चलाया गया कि नागरिक अधिकारों का हनन नहीं हो।
उन्होंने बताया कि राज्य के सुरक्षा बलों और केंद्रीय बलों ने संयुक्त रूप से अभियान चलाया।
मोरेह के एसडीपीओ (पुलिस उपाधीक्षक) चिंगथम आनंद की आदिवासी उग्रवादियों ने 31 अक्टूबर को उस वक्त गोली मार कर हत्या कर दी थी, जब वह इस सीमावर्ती शहर में ईस्टर्न मैदान पर नवनिर्मित हेलीपैड का मुआयना कर रहे थे।
घटना के बाद, उग्रवादियों को पकड़ने के लिए इलाके में एक अभियान शुरू किया गया।
आदिवासी विधायकों ने सीमावर्ती शहर से सुरक्षा कर्मियों को हटाने संबंधी कुकी संगठनों की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से विषय में हस्तक्षेप करने तथा मोरेह एवं कुकी-जोमी हमार आदिवासी इलाकों में तैनात सभी कमांडो की वापसी सुनिश्चित करने और उनकी जगह तटस्थ केंद्रीय बलों को तैनात करने का अनुरोध किया है।
बुधवार को सैकड़ों की संख्या में लोगों की एक भीड़ ने इंफाल में मणिपुर राइफल्स के शिविर पर हमला किया था, जिसके चलते सुरक्षा कर्मियों को हवा में कई गोली चलानी पड़ी थी। हमलावरों का मकसद वहां से हथियार लूटना था।
बहुसंख्यक समुदाय से आने वाले पुलिस उपाधीक्षक की मंगलवार सुबह मोरेह शहर में आदिवासी उग्रवादियों द्वारा गोली मार कर हत्या किये जाने के बाद, राज्य में तनाव बढ़ गया है।
सीमावर्ती शहर में राज्य के सुरक्षा बलों और केंद्रीय बलों, दोनों की तैनाती की गई है।
पुलिस ने बताया कि इस बीच, अज्ञात बंदूकधारियों ने शुक्रवार सुबह इंफाल वेस्ट जिले के लांगोल इलाके में मेइती लीपुन प्रमुख प्रमोद सिंह के वाहन पर कम से कम छह गोलियां चलाईं।
सिंह ने राज्य में जारी अशांति को लेकर कुकी उग्रवादियों की कई बार आलोचना की है। एक अधिकारी ने बताया कि हमले में सिंह को चोट नहीं आई।
उन्होंने बताया कि बंदूकधारियों को गिरफ्तार करने के लिए घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
मई में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से राज्य हिंसा की गिरफ्त में है। तब से 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…