अदालत का आरटीआई के तहत जानकारी देने से इंकार, कहा ‘इससे न्यायाधीशों की जान को खतरा होगा…
मुंबई, 03 नवंबर। बम्बई उच्च न्यायालय के लोक सूचना अधिकारी ने सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत दक्षिण मुंबई में स्थित अदालत की पुरानी इमारत के संरचनात्मक ऑडिट के बारे में मांगी गई जानकारी देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि ऐसे विवरण का खुलासा करने से न्यायाधीशों और अन्य अधिकारियों की जान को खतरा होगा।
पर्यावरण से जुड़े मामलों के कार्यकर्ता झोरू बठेना ने पिछले महीने एक आरटीआई आवेदन दाखिल कर बम्बई उच्च न्यायालय की मुख्य व सौध इमारत के पिछले तीन संरचनात्मक ऑडिट की प्रतियां मांगी थीं।
बठेना ने कहा कि उन्होंने दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल में 135 साल पुराने जलाशय के पुनर्निर्माण संबंधित एक मामले में उपयोग करने के लिए जानकारी मांगी थी।
उन्होंने कहा, ”बृहन्मुंबई नगर निगम ने दावा किया कि जलाशय मरम्मत की स्थिति में नहीं है और इसके पुनर्निर्माण की जरूरत है। हम उच्च न्यायालय की इमारत और बीएमसी के मुख्यालय की इमारत का उदाहरण देना चाहते हैं, जो करीब एक सदी से भी पुरानी हैं और इनकी मरम्मत की गई है न कि इन्हें फिर से बनाया गया।”
कार्यकर्ता ने दावा किया कि उन्होंने बीएमसी की संरचनात्मक ऑडिट रिपोर्ट मांगी थी, जिसकी जानकारी उन्हें प्राप्त हो गई लेकिन उच्च न्यायालय ने जानकारी देने से इंकार कर दिया।
उच्च न्यायालय के लोक सूचना अधिकारी ने एक नवंबर को दिए गए अपने जवाब में बठेना का आवेदन खारिज करते हुए कहा कि जो सूचना मांगी गई है, उसका जनहित से कोई लेना-देना नहीं है।
जवाब में कहा गया, ”मांगी गई सूचना का सुरक्षा कारणों से खुलासा नहीं किया जा सकता। इस तरह का जानकारी का खुलासा करने से बम्बई उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और अधिकारियों को जान और शारीरिक क्षति का खतरा होगा।”
बठेना ने कहा कि जानकारी देने से इंकार करने को लेकर वह अब संबंधित अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करेंगे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…