वायुसेना दिवस पर संगम नगरी में दिखा महाकुंभ सा नजारा…

वायुसेना दिवस पर संगम नगरी में दिखा महाकुंभ सा नजारा…

लड़ाकू विमानों के साथ ही हेलीकॉप्टरों व जवानों ने दिखाए हैरतअंगेज करतब…

राफेल व तेजस के आसमान में कारनामे देख हैरान रह गए लोग, भारत माता के जयकारे लगे…

 प्रयागराज/लखनऊ। भारतीय वायुसेना की 91वीं वर्षगांठ पर प्रयगराज में मध्य वायु कमांड सेंटर के मुख्यालय में रविवार को दिन में परेड का आयोजन हुआ, जबकि शाम को संगम तट पर एयर शो का आयोजन किया गया। इसे देखने के लिए प्रदेश के कई शहरों से लाखों लोग पहुंचे थे। संगम तट पर वायुसेना के जांबाजों के करतब ने सभी को हैरान कर दिया। सेना के लड़ाकू विमानों के साथ ही सैन्य हेलीकॉप्टर के साथ जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया।
          संगम तट पर वायुसेना के जांबाजों ने एयर शो में अपनी प्रतिभा दिखाई। एयर शो में भारतीय वायुसेना के लेटेस्ट लड़ाकू विमानों के साथ ही विंटेज विमान ने भी प्रदर्शन किया। सेना के जिन विमानों ने एयर शो में करतब दिखाए, उनमें मुख्य रूप से रॉफेल, तेजस, टाइगर मॉथ, हार्बट ट्रेनर, ट्रांसपोर्ट जहाज सी वन थर्टी, आईएल 78, मिग 21, चेतक हेलीकॉप्टर और रुद्र हेलीकॉप्टरों समेत सौ से अधिक विमान शामिल थे। इन लड़ाकू विमानों ने गंगा यमुना के संगम तट पर अपना जलवा दिखाया। वायुसेना के जांबाजों के करतब ने सभी को हैरान कर दिया। सेना के लड़ाकू विमानों के साथ ही सैन्य हेलीकॉप्टर के साथ जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया। लोग भारत माता के जयकारे लगाते रहे।
            शो की शुरुआत दो चिनूक हेलीकॉप्टरों के करतब दिखाकर किया गया। इस एयर शो के जरिये सैन्य विमानों के पायलटों ने अपनी और विमान की क्षमता का प्रदर्शन लोगों के सामने किया। इन चिनूक हेलीकॉप्टर ने हवा में एक ही जगह से अपने चारों तरफ कैसे हमला किया जा सकता है, इसका प्रदर्शन किया। इसके पास आकाशगंगा की स्काई डाईवर्स की टीम ने 1 हजार से ज्यादा फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर पैराग्लाइडिंग का प्रदर्शन किया। हेलीकॉप्टर चेतक ने तिरंगे ध्वज का फार्मेशन किया, जबकि सूर्य किरन हेलीकॉप्टर के साथ ही फाइटर जेट ने भी शानदार प्रदर्शन किया। संगम के अलावा दारागंज, झूंसी, अरैल अन्य इलाकों में सुबह से ही बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी। 
          भारतीय वायुसेना के 120 विमानों ने अपना शौर्य दिखाया, इसमें 29 लड़ाकू विमान शामिल थे। सारंग के 5 हेलिकॉप्टर ने हवा में आई और डायमंड की आकृति बनाई। सूर्य किरण विमान ने आसमान में पहले दिल का शेप बनाया। फिर उसको भेदते हुए निकल गया। वहीं, राफेल ने आसमान में सात गोते खाए। इसके बाद तेजस, सुखोई के साथ फॉर्मेशन में युद्ध जैसी स्थिति को क्रिएट किया। मेक इन इंडिया की तर्ज पर बने स्वदेशी सी-295 विमान ने पहली बार संगम पर उड़ान भरी। वहीं, मिग-21 ने आखिरी फ्लाई पास्ट किया। दो विमानों ने आसमान में ही मिग-21 को आखिरी सलामी भी दी।

एयर शो में महिला वायुसैनिकों का दिखा दम…
इस एयर शो में पहली बार महिला ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी ने भारतीय वायुसेना दिवस की परेड का जिम्मा संभाला। ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी कॉम्बैट यूनिट में कमांड अपॉइंटमेंट पाने वाली पहली महिला वायुसेना अधिकारी हैं। उनके पास 2800 घंटे से ज्यादा का फ्लाइंग एक्सपीरिएंस है। एयरफोर्स का शौर्य देखने के लिए कुंभ मेले के जैसी लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी। एक अनुमान के अनुसार एयर शो को देखने के लिए करीब 23 लाख लोगों की भीड़ जुटी, जबकि पहले अनुमान 5 लाख लोगों के आने का लगाया गया था। वायु सेना के स्थापना दिवस के अवसर पर दिल्ली में परेड और फ्लाई पास्ट होता रहा है। लेकिन, पिछले साल चंडीगढ़ और इस बार प्रयागराज में इसका आयोजन हुआ। यह दूसरा मौका है, जब दिल्ली के बाहर एयर शो हुआ। प्रयागराज में इस एयर शो के लिए कई दिनों से तैयारी चल रही थी।
2032 तक दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वायुसेना भारत की होगी…
एयरफोर्स डे की परेड को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि भारत अपने को 2047 में विकसित देश के रूप में देखना चाहता है। ऐसे में यह सबसे जरूरी हो जाता है कि भारतीय वायु सेना जब 2032 में अपनी 100वीं वर्षगांठ माना रहा हो तब तक दुनिया की वन ऑफ द बेस्ट वायु सेना के रूप में विकसित हो जाए। उन्होने आगे कहा कि भारतीय मॉडर्न एयरफोर्स केवल एयरफोर्स ही नहीं है, बल्कि यह स्पेस सुपर पावर के रूप में भी दुनिया के सामने उभर रही है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए भारतीय वायु सेना और वायु सैनिक अपने आप को तकनीकी रूप से और दक्ष वा सक्षम बनाएं।
एयर चीफ मार्शल ने कहा-इस साल के वायु सेना दिवस की थीम आईएएफ- एयर पावर बियॉन्ड बाउंड्रीज है। यह विषय वायु शक्ति की अंतर्निहित वैश्विक पहुंच को दिखाता है। वायु सेना का संचालन दुनियाभर में फैला है, जो तीव्र गतिशीलता और वैश्विक पहुंच प्रदान करता है। यह पहुंच किसी राष्ट्र को तेजी से तैनाती, एचएडीआर और शांति स्थापना मिशनों के रूप में सीमाओं से परे वायु शक्ति को प्रोजेक्ट करने की अनुमति देती है। हमें वायु शक्ति को विकसित करने, शांति बनाए रखने की गति निर्धारित करने और यदि आवश्यक हो तो युद्ध लड़ने और जीतने की बारीकियों को समझने की जरूरत है।
भारतीय वायुसेना दिवस का इतिहास. . .
91 वर्ष पहले 8 अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना दिवस की स्थापना हुई थी। भारतीय वायुसेना बल, वीरता और पराक्रम का प्रतीक है। यह भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा और वायु चौकसी जैसे महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। वायुसेना दिवस पर भारतीय वायु सैनिकों की बहादुरी, शौर्य और पराक्रम के लिए उन्हें सलाम करती है। इसे 1950 में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने से पहले ‘रॉयल इंडियन एयरफोर्स’ के नाम से जाना जाता था। इसने 1945 के द्वितीय विश्वयुद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1950 में आजादी यानी पूर्ण गणतंत्र घोषित होने के बाद इसमें से ‘रॉयल’ शब्द हटाकर उसे सिर्फ इंडियन एयर फोर्स कर दिया गया।
आसमान के इन प्रहरियों को इस दिन वायु सेना के नायकों और उनके परिवारों का अभिवादन करके उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। दुनियाभर में सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस के पास भारत से बड़ी वायुसेना मौजूद है। भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। भारतीय वायुसेना के पास कई ऐसे लड़ाकू विमान हैं जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती हैं। वर्तमान युग में युद्ध की स्थिति में सबसे अधिक महत्व वायुसेना का होता है, इसलिए सेना के इस अंग का सबसे मजबूत होना अति आवश्यक है।

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,