आग से निपटने के लिए 280 लोगों ने लिया प्रशिक्षण…
लखनऊ,। अग्नि सचेतक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन अग्निशमन केन्द्र गोमतीनगर बुधवार को चल रहा है प्रशिक्षण के दुसरे दिन 280 प्रशिक्षु सम्मिलित हुए। प्रशिक्षक शिवदरस प्रसाद अग्निशमन अधिकारी गोमती नगर द्वारा मंगलवार को लखनऊ में महसूस किया गया भूकम्प के झटके के सम्बंध में अन्नू से पूछें गयें प्रश्न का जबाब देते हुए प्रसाद द्वारा बताया गया कि साधारण भाषा में भूकम्प का अर्थ है पृथ्वी का कम्पन होता है और अलग अलग भौगोलिक वैज्ञानिकों ने भूकम्प को परिभाषित किया है।
भूकम्प भूपटल का कम्पन अथवा लहर है जो धरातल के नीचे चट्टानों के लचीलेपन या गुरूत्वाकर्षण की सम स्थिति में क्षणिक अव्यवस्था उत्पन्न होने के कारण होता है। दुसरे शब्दों में यह एक प्राकृतिक घटना है। भूकम्प आने के कारण ज्वालामुखी क्रिया, भ्रंशन एवं वलन, आंतरिक गौसों में वृद्धि होना, अत्यधिक जल का दबाव एवं मानवीय कारण एटम बम विस्फोट इत्यादि। कई बार भारतीय प्लेट की आतंरिक टेक्टोनिक सम्वेदनशील भी भूकम्प आने का कारण बनता है। भूकम्प आने से विनांशकारी प्रभाव होता है सर्वप्रथम धरती का हिलना, भू-स्खलन का होना, बांध व तटबंधों के टूटने से बाढ़ का आना, आग लगना, एवं इमारतों का गिरना, टूटना, तथा ढांचों का ध्वस्त होना। ऐसे स्थिति में ध्वस्त इमारतों की विद्युत आपूर्ति तुरन्त बन्द करा देना चाहिए। पानी सप्लाई बन्द कराते हुए पी.एन.जी. की लाईन को भी बन्द कर दें और तुरन्त उ.प्र.डायल-112 को सूचना दें, ताकि समय आकस्मिक सभी सेवाओं को समय से वहां भेजा जा सकें।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…