वैश्विक व्यवस्था को नया आकार देने में भारत की अहम भूमिका : मोदी…

वैश्विक व्यवस्था को नया आकार देने में भारत की अहम भूमिका : मोदी…

नई दिल्ली, 15 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना के बाद बदली हुई वैश्विक व्यवस्था को नया आकार देने में भारत एक प्रभावी भूमिका निभा रहा है और पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और वैविध्य को अचंभे से देख रही है।
श्री मोदी ने आज यहां भारत के 76वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबाेधित करते हुए कहा, “मैं आज लालकिले की प्राचीर से मेरे देश की माताओं, बहनों, मेरे देश की बेटियों का ह्दय से अभिनंदन करता चाहता हूं। देश आज जहां पहुंचा है, उसमें विशेष शक्ति जुड़ रही है, मेरी माताओं, बहनों के सामर्थ्‍य की। आज देश प्रगति की राह पर चल पड़ा है तो मैं मेरे किसान भाई-बहनों का भी अभिनंदन करना चाहता हूं ये आप ही का पुरुषार्थ है, ये आप ही का परिश्रम है कि देश आज कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मैं देश के मजदूरों, श्रमिकों का, ऐसे कोटि-कोटि समूहों को आज नमन और अभिनंदन कर रहा हूं। देश आज जो आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, विश्‍व की तुलना करने वाले सामर्थ्‍य के साथ नजर आ रहा है, उसके पीछे देश के मजदूरों का, देश के श्रमिकों का बहुत बड़ा योगदान है, आज समय कहता है कि लालकिले की प्राचीर से मैं उनका अभिनंदन करूं, उनका अभिवादन करूं।
उन्होंने कहा, “140 करोड़ देशवासी, इन श्रमिकों, रेहड़ी-पटरी वालों का, फूल-सब्‍जी बेचने वालों का सम्‍मान करते हैं। देश को आगे बढ़ाने में, देश को प्रगति की नई ऊंचाई पर ले जाने में पेशेवरों की बहुत बड़ी भूमिका बढ़ती रही है। चाहे वैज्ञानिक हो, चाहे इंजीनियर्स हो, डॉक्‍टर्स हो, नर्सेस हो, शिक्षक हो, आचार्य हो, युनिवर्सिटी हो, गुरूकुल हो हर कोई मां भारती का भविष्‍य उज्ज्वल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत से लगा हुआ है।”
श्री मोदी ने कहा, “मैं पिछले दिनों जी-20 समिट में बाली गया था और बाली में दुनिया के समृद्ध से समृद्ध देश, दुनिया के विकसित देश भी उनके मुखिया, मुझे भारत की डिजिटल इंडिया की सफलता के लिए, उसकी बारिकियों को जानने के लिए इच्‍छुक थे। हर कोई इसका सवाल पूछता था और जब मैं उनको कहता था कि भारत ने जो कमाल किया है ना वो दिल्‍ली, मुंबई, चेन्नई तक सीमित नहीं है, भारत जो कमाल कर रहा है, टियर-2, टियर-3 सिटी के युवा, छोटे-छोटे स्‍थान के नौजवान आज देश का भाग्‍य गढ़ रहे हैं। मैं आज बड़े विश्‍वास से कहता हूं कि देश का ये नया सामर्थ्‍य नजर आ रहा है। हमारे आकार और आबादी में छोटे शहर छोटे हो सकते हैं लेकिन आशा और आकांक्षा, प्रयास और प्रभाव वो किसी से कम नहीं है, वो सामर्थ्‍य उनके अंदर है। नए एप, नए सोल्‍यूशन, टेक्‍नोलॉजी डिवाइस। अब खेलों की दुनिया देखिए, कौन बच्‍चे हैं, झुग्‍गी झोंपड़ी से निकले हुए बच्चे आज खेलों की दुनिया में पराक्रम दिखा रहे हैं। छोटे-छोटे गांव, छोटे-छोटे कस्‍बे के नौजवान, हमारी बेटे-बेटियां आज कमाल दिखा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि देश की सौ स्‍कूल ऐसे हैं, जहां के बच्‍चे सेटेलाइट बना करके सेटेलाइट छोड़ने की तैयारियां कर रहे हैं। आज हजारों टिंकरिंग लैब नये वैज्ञानिकों काे जन्म दे रही है। आज हजारों टिंकरिंग लैब लाखों बच्‍चों को विज्ञान और तकनीक की राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा दे रही है। मेरे देश के नौजवानों को मैं कहना चाहता हूं कि अवसरों की कमी नहीं है, आप जितने अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से भी ज्‍यादा अवसर आपको देने का सामर्थ्‍य रखता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “कोरोना काल के बाद दुनिया एक नये सिरे से सोचने लगी है। और मैं विश्‍वास से देख रहा हूं कि जिस प्रकार से द्वितीय महायुद्ध के बाद, द्वितीय विश्‍वयुद्ध के बाद दुनिया में एक नई वैश्विक व्यवस्था ने आकार लिया था। मैं साफ-साफ देख रहा हूं कि कोरोना के बाद एक नई विश्‍व व्यवस्था, एक नई वैश्विक व्यवस्था, एक नया भूराजनीतिक समीकरण यह बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भूराजनीतिक समीकरणों की सारी व्‍याख्‍याएं बदल रही हैं, परिभाषाएं बदल रही हैं। और मेरे प्‍यारे परिवाजनों, आप गौरव करेंगे बदलते हुए विश्‍व को मूर्तरूप देने में आज 140 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्‍य नजर आ रहा है। आप निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं।”
श्री मोदी ने कहा “कोरोना काल में भारत ने जिस प्रकार से देश को आगे बढ़ाया हे, दुनिया ने हमारे सामर्थ्‍य को देखा है। जब दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला तहस-नहस हो गई थी, बड़ी-बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं पर भारी दबाव था, उस समय भी हमने कहा था हमें विश्‍व का विकास देखना है, तो वो मानव केंद्रित होना चाहिए, मानवीय संवेदनाओं से भरा हुआ होना चाहिए, और तब जा करके समस्‍याओं का सही समाधान निकालेंगे और कोविड ने हमें सिखाया है या हमें मजबूर किया है, लेकिन मानवीय संवेदनाओं को छोड़ करके हम विश्‍व का कल्‍याण नहीं कर सकते।”
उन्होंने कहा “आज भारत ग्‍लोबल साउथ (वैश्विक दक्षिण के देशों) की आवाज बन रहा है। भारत की समृद्धि, विरासत आज दुनिया के लिए एक अवसर बन रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की हिस्‍सेदारी, मैं पक्के विश्‍वास से कहता हूं, आज जो भारत में परिस्थिति पैदा हुई है, आज जो भारत ने कमाया है, वो दुनिया में स्थिरता की गारंटी ले करके आया है दोस्तों। अब न हमारे मन में, न 140 करोड़ मेरे परिवारजनों के मन में और न ही दुनिया के मन में कोई किन्तु-परन्तु है, एक मजबूत विश्‍वास बन चुका है।”
श्री मोदी ने कहा “राष्‍ट्रीय चेतना वो एक ऐसा शब्‍द है जो हमें चिंताओं से मुक्‍त कर रहा है। और आज वो राष्‍ट्रीय चेतना यह सिद्ध कर रही है कि भारत का सबसे बड़ा सामर्थ्‍य बना है भरोसा, भारत का सबसे बड़ा सामर्थ्‍य बना है विश्‍वास, जन-जन में हमारा विश्‍वास, जन-जन का सरकार पर विश्‍वास, जन-जन का देश के उज्ज्वल भविष्‍य पर विश्‍वास और विश्‍व का भी भारत के प्रति विश्‍वास। यह विश्‍वास हमारी नीतियों का है, हमारी रीति का है। भारत के उज्ज्वल भविष्‍य को जिस निर्धारित मजबूत कदमों से हम आगे बढ़ा रहे हैं उसका है।”
उन्होंने कहा कि यह बात निश्चित है कि भारत का सामर्थ्‍य और भारत की संभावनाएं विश्‍वास की नई बुलंदियों को पार करने वाली है और यह विश्‍वास की नई बुलंदियां नये सामर्थ्‍य को ले करके चलनी चाहिए। आज देश में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेहमान नवाजी का भारत को अवसर मिला है। और पिछले एक साल से हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में जिस प्रकार से जी-20 के अनेक ऐसे आयोजन हुए हैं, अनेक कार्यक्रम हुए हैं, उसने देश के सामान्‍य लोग के सामर्थ्‍य को विश्‍व को परिचित करा दिया है। भारत की विविधता का परिचय कराया है। भारत की विविधता को दुनिया अचम्भे से देख रही है और उसके कारण भारत के प्रति आकर्षण बढ़ा है। भारत को जानने की, समझने की इच्छा जगी है। आज भारत का निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया के विशेषज्ञ इन सारे मानदंडों के आधार पर कह रहे हैं कि अब भारत रूकने वाला नहीं है। दुनिया की कोई भी रेटिंग एजेंसी होगी वो भारत का गौरव कर रही है।
श्री मोदी ने कहा “अब गेंद हमारे पाले में है, हमें अवसर जाने नहीं देना चाहिए, हमें मौका छोड़ना नहीं चाहिए। मैं अपने देशवासियों का इसलिए भी अभिनंदन करता हूं कि देशवासियों में एक नीर-क्षीर विवेक का सामर्थ्‍य है, समस्‍याओं की जड़ों को समझने का सामर्थ्‍य है और इसलिए 2014 में देशवासियों ने 30 साल के अनुभव के बाद तय किया कि देश को आगे ले जाना है तो स्थिर सरकार चाहिए, मजबूत सरकार चाहिए, पूर्ण बहुमत वाली सरकार चाहिए, और देशवासियों ने एक मजबूत और स्थिर सरकार बनाई है। और तीन दशकों तक जो अनिश्चिता का काल था, जो अस्थिरता का कालखंड था, जो राजनीतिक मजबूरियों से देश जकड़ा हुआ था, उससे मुक्ति मिली।”