खुशनुमा माहौल में काम करने के लिए जरुरी है सहकर्मियों से अच्छा तालमेल…
ऑफिस में काम करने का माहौल अच्छा बना रहे, इसके लिए अपने सहकर्मियों और बास से अच्छे संबंधों का होना आवश्यक है। खुशनुमा माहौल में काम करने का अपना मजा होता है। यदि आप बॉस से अच्छे संबंध चाहती हैं और बॉस आपसे खुश रहें तो ध्यान दें कुछ बातों पर…
अपनी व्यस्तता का ढिंढोरा न पीटें:- बॉस यदि काम दे तो एकदम यह न कहें कि अभी मैं व्यस्त हूं, बाद में लेकर कर दूंगी। काम अभी अपने पास रखें। यह सुनना बॉस कदाचित पसन्द नहीं करेंगे। यदि सचमुच आप बहुत व्यस्त हैं तो उन्हें शालीनता से कहें, सर जो काम कर रही हूं, इसमें लगभग इतना समय लगेगा। क्या इसको उसके बाद प्रारंभ कर सकती हूं, या उसे बीच में छोड़कर पहले यह कर देती हूं। ऐसा सुनना बॉस को बुरा नहीं लगेगा और हो सकता है वो काम आपके किसी दूसरे कलीग से करवा लें क्योंकि आप भी महत्त्वपूर्ण काम में व्यस्त हैं पर न कहना बॉस बर्दाश्त नहीं करेंगे।
हंसते हुए काम स्वीकारें:- बॉस कोई भी काम दे, नाक-मुंह नहीं सिकोड़ें, न ही उन्हें ऐसा कहें कि ऐसा काम मेरे ऑफर लेटर में नहीं है। इस प्रकार बॉस के मन में आपके प्रति नकारात्मक विचार होंगे और वे भविष्य में आपकी उन्नति में बाधा डाल सकते हैं। ऑफिस में काम की इतनी विभिन्नता होती है कि सब कुछ ऑफर लेटर में लिखना संभव नहीं होता। जो भी काम हो, उसे करने का प्रयास करें। यदि समझ में न आए तो उनसे मदद लें। ऐसा करने से वे प्रसन्न होंगे। कभी-कभी कोई काम बॉस ऐसा बता देते हैं जो आपके पद के मुताबिक न हो। उसे करने में संकोच न करें क्योंकि बॉस तो बॉस हैं।
काम की अधिकता का रोना न रोएं:- कभी भी बॉस को यह न कहें कि मेरे पास काम बहुत है, इसलिए मैं यह काम नहीं कर सकती। यदि वास्तव में काम अधिक हो तो नम्रता से कहें कि पहले मेरे पास यह काम हैं, फिर भी इसे शीघ्र निपटाने की कोशिश करूंगी। सीधा मना करने से बॉस को लगेगा कि आप काम करने से बच रहे हैं।
बॉस की बात पर कमेंट न करें:- बॉस कोई आइडिया दे रहा है और आइडिया आपको पसंद नहीं है तो उस पर कमेंट न करें क्योंकि बॉस उस समय किसी की बात सुनना पसन्द नहीं करता। आखिरकार, बॉस इज बॉस्य। यदि वह सलाह मांगे तो उनके आइडियाज के विरूद्ध न कहें। अगर आपके दिमाग में कुछ चल रहा है तो संयमित ढंग से अपनी बात को रखें ताकि उन्हें हर्ट न हो।
ऑफिस में बॉस को सहयोग करें:- सीनियर व्यक्ति पर बहुत सी जिम्मेदारियां होती हैं। सब काम वे स्वयं नहीं निपटा सकते। ऐसे में उन्हें आवश्यकता होती है जूनियर्स के सहयोग की। अगर आपका बॉस ऐसे समय में आपसे कुछ जानना चाहे या कोई मदद लेना चाहे तो उन्हें अपने सामर्थ्य अनुसार सहर्ष सहयोग करें। उन्हें यह कभी न कहें कि यह मेरी समस्या नहीं है। उन्हें हर तरह का सहयोग देने का प्रयास करें।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…