मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर धमकाने का मामला…

लखनऊ।हिन्द वतन समाचार…

मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर धमकाने का मामला…

रिपोर्ट आने के बाद 2 इंस्पेक्टर समेत 5 निलंबित…

23 नवंबर 2018 को समाने आया था मामला, डीएम के सीयूजी नंबर पर फोन कर बताया आरोपी ने अपने आपको बताया था सीएम का ओएसडीजिला अस्पताल के सीएमएस के खिलाफ चल रही भ्रष्टाचार की जांच बंद करने के लिए दबाव डाल रहा था सुल्तानपुर/उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) बनकर पूर्व डीएम विवेक कुमार को सीएमएस बीबी सिंह के प्रकरण में हस्तक्षेप और फोन करने के मामले में एसपी शिवहरि मीणा ने बड़ा एक्शन लिया है। इस मामले में विशेष जांच रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को दो इंस्पेक्टर, दो कांस्टेबल और एक हेड कांस्टेबल को सस्पेंड किया गया है।
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विशेष जांच की रिपोर्ट शुक्रवार को जब एसपी शिवहरि मीणा के पास पहुंची तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से जांच में दोषी पाए गए वर्तमान में डायल 112 के प्रभारी बेनी माधव त्रिपाठी, वर्तमान में पुलिस ऑफिस में तैनात इंस्पेक्टर संजय सिंह के साथ नगर कोतवाली और नगर कार्यालय में तैनात छत्तर सिंह, श्रवण कुमार और हेड कांस्टेबल जय सिंह को निलंबित किया है।

क्या है मामला

यह मामला 23 नवंबर 2018 का है। पूर्व डीएम विवेक के सीयूजी नंबर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बनकर एक व्यक्ति ने फोन किया था। युवक ने जिला अस्पताल के सीएमएस के खिलाफ नर्सों की ओर से दी गई भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत की जांच खत्म करने को कहा था। ऐसा न करने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी।
डीएम ने सीएम के ओएसडी धर्मेंद्र चौधरी से इसकी पुष्टि की तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई और फोन करने की बात से इंकार किया। इस पर डीएम ने अपने ओएसडी के माध्यम से नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में दिसम्बर 2018 में सर्विलांस की मदद से अंकेश सिंह नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। वह दादूपुर का रहने वाला है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…