लखनऊ।हिन्द वतन समाचार
जम पत्थरों को भी फूल वना लेते हैं,अज्ञानी को भी ज्ञानी…..
अमृतायन का वार्षिकोत्सव…
लखनऊ।शहर की प्रतिष्ठित संस्था अमृतायन का वार्षिकोत्सव वरिष्ठ साहित्यकार डॉ दिनेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता और मशहूर हास्य कलाकार राजेंद्र विश्वकर्मा के संचालन में संपन्न हुआ।संस्था द्वारा मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ योगेश प्रवीन,आत्म प्रकाश मिश्र,दूरदर्शन विशिष्ट अतिथि डॉ राजीव दीक्षित पीपीएस,संस्था के प्रेरक पंडित आदित्य द्विवेदी,डॉ भारती गांधी संस्थापिका सीएमएस और संस्था के संरक्षक शिवप्रसाद लाल को अमृतायन साहित्य संरक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया।इस अवसर पर अमृतायन के 30 साहित्यकारों को अमृतायन साहित्य साधना सम्मान,5 साहित्यकारों को साहित्य प्रोत्साहन सम्मान तथा शहर के 20 अभ्यागत कवियों को अमृतायन साहित्य प्रोत्साहन सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया।इस अवसर पर कवि सम्मेलन का भी आयोजन हुआ।जिसमें एक से बढ़कर एक रचनाओं का काव्य पाठ हुआ।पारिवारिक मिलन और भोजन उपरांत संस्था के अध्यक्ष डॉ अशोक अज्ञानी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर कुमार तरल,मनीष मगन,मित्र विपुल,शुभेन्द्र सिंह,सौम्या तिवारी,बलराम,प्रतिभा गुप्ता,विशेष अतिथि ओज कवि मुकेशानंद,दिनेश उन्नावी,कुसुम बर्मा लोक गायिका,दिनेश तिवारी,दिनेश सिंह चौहान,मधुकर शरण,जगदीश शुक्ल,अंचल कुमार तरल,विपुल मित्र,प्रतिभा गुप्ता,अरविंद झा,सुमन सुरभि,डॉ नीलम रावत,गीता शुक्ला,ग्रामीण पत्रकार कल्याण समिति उत्तर प्रदेश के चेयरमैन केशरी राव धारा सिंह यादव आदि नामचीन साहित्य कारों का सम्मान करके हौसला बुलंद किया।संस्थान के अध्यक्ष डा अशोक अज्ञानी ने कहा कि हम पत्थरों को भी फूल वना लेते हैं।अज्ञानी को भी हम ज्ञानी बना लेते हैं।।भटकते हुए नवांकुर सरस्वती पुत्रों को हम सीने से लगा लेते हैं।
ज्ञान सिंह की रिपोर्ट…