बार ने सदस्यों की आजीविका मामले की सुनवाई का मुद्दा उठाया…
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने बुधवार को मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर अपने सदस्यों के ‘जीवन और आजीविका से जुड़े दो मामलों की सुनवाई नहीं होने का मुद्दा उठाया। पत्र में बार के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि इन दो मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है, जिसमें बार द्वारा दायर याचिका भी शामिल है, जिसमें शीर्ष अदालत को वकीलों के चैंबर के लिए आईटीओ के पास आवंटित 1.33 एकड़ जमीन के रूपांतरण के लिए शहरी विकास मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की गई है। इसने कहा कि अन्य मामला नोएडा में बार के मल्टी-स्टेट ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड के लिए निर्मित ‘सुप्रीम टावर्स’ की तत्काल मरम्मत से संबंधित है, जहां 700 से अधिक वकील अपने परिवारों के साथ रहते हैं। सिंह ने पत्र में कहा, ‘उपरोक्त दो मामले एससीबीए के सदस्यों के ‘जीवन और आजीविका’ से संबंधित हैं और इन मामलों की सुनवाई न होना एक गंभीर चिंता का विषय है। पत्र में कहा गया है, ‘न्याय व्यवस्था की संस्था का एक अंग होने के नाते एससीबीए को सामान्य प्रक्रिया में अपने सदस्यों के कल्याण से संबंधित मामले को सूचीबद्ध करने और सुनवाई करने के लिए अजनबी नहीं माना जा सकता है। इसमें कहा गया है कि मामलों की सुनवाई के लिए एससीबीए द्वारा किए गए अनुरोध को अस्वीकार कर बार निकाय के साथ एक सामान्य मुकदमेबाज से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है। पत्र में कहा गया है कि बार को हड़ताल जैसे कदम उठाने पर बाध्य नहीं होना पड़े, ऐसी स्थिति नहीं बनने देनी चाहिए। सिंह ने पत्र में कहा कि वह बार की आकांक्षाओं को व्यक्त कर रहे हैं जो बिना किसी प्राथमिकता के केवल किसी अन्य वादी की तरह व्यवहार चाहती है और जो अपने मामलों में निर्णय लेने में तेजी की उम्मीद करती है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…