पारिवारिक रिश्तों संबंधी भारतीय अदालत का आदेश सिंगापुर में विवाह की परिभाषा के लिये चुनौती: मंत्री…

पारिवारिक रिश्तों संबंधी भारतीय अदालत का आदेश सिंगापुर में विवाह की परिभाषा के लिये चुनौती: मंत्री…

सिंगापुर, 02 सितंबर। सिंगापुर के गृह एवं कानून मंत्री के. षणमुगम ने कहा है कि हाल में भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा परिवारों की परिभाषा को विस्तार देकर उसमें समलैंगिक दंपति जैसे असामान्य लोगों को भी जोड़ना, सिंगापुर में विवाह की वर्तमान परिभाषा को कानूनी रूप से चुनौती देने के खतरे को उजागर करता है।

षणमुगम ने बृहस्पतिवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि सिंगापुर सरकार जो संवैधानिक संशोधन करना चाहती है उसमें यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी कि यहां विवाह की परिभाषा संसद में तय की जाए न कि अदालतों के माध्यम से।

भारत की शीर्ष अदालत ने पिछले महीने कहा था कि कानून के तहत परिवार को मिलने वाले लाभ समलैंगिक दंपतियों तथा ऐसे अन्य परिवारों को भी मिलने चाहिए। द स्ट्रेट्स टाइम्स की खबर के अनुसार, मंत्री ने कहा कि सिंगापुर की अदालतों ने यह रवैया नहीं अपनाया और कानून बदलने का दायित्व संसद को दिया है। षणमुगम ने कहा कि भारत के उच्चतम न्यायालय ने 2018 में अपने दंड विधान से धारा 377 को हटा दिया था जो सिंगापुर की धारा 377ए की तरह समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखती थी।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…