स्पंज यौगिक कोविड रोधी टीके से प्राप्त प्रतिरक्षा क्षमता को 25 गुना बढ़ा सकता है : अध्ययन
बीजिंग, 01 सितंबर। वैज्ञानिकों ने समुद्री स्पंज में एक ऐसे यौगिक की पहचान की है जिसने चूहों पर किए गए प्रयोग में कोविड रोधी टीके से मिलने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता को 25 गुना बढ़ा दिया।
संबंधित यौगिक सहायक के रूप में कार्य कर सकता है जिसे टीकों में डाला जा सकता है ताकि अधिक मजबूत प्रतिरक्षा क्षमता तथा संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर को बेहतर प्रशिक्षण मिल सके।
हुआज़होंग कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि रोगाणु से प्रोटीन का उपयोग करने की कोशिश और सही रणनीति से ऐसे टीकों का उत्पादन किया जा सकता है जो किफायती हों और जिनके भंडारण में भी आसानी हो।
‘एसीएस इंफेक्शस डिजीज’ पत्रिका में बुधवार को प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, समुद्री स्पंज से मिलने वाले यौगिक ए-गैलेक्टोसिलसेरामाइड (एजीसी) से प्राप्त अणु सहायक के रूप में कार्य कर सकते हैं।
ये यौगिक उन प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय बनाते हैं जो विषाणु संक्रमण के खिलाफ शरीर की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अनुसंधानकर्ता यह देखना चाहते थे कि क्या वे प्रोटीन-आधारित कोविड रोधी टीके से प्राप्त प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए एजीसी का एक संस्करण तैयार कर सकते हैं।
इस अनुसंधान के दौरान चूहों को 29 दिन में तीन इंजेक्शन दिए गए और अनुसंधानकर्ताओं ने 35 दिन तक उनकी प्रतिरक्षा क्षमता पर नज़र रखी। प्रयोग से पता चला कि इस प्रक्रिया में कोविड रोधी टीके से प्राप्त होने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता 25 गुना बढ़ गई।
स्पंज एक समुद्री जीव है जो पौधों की तरह दिखता है। यह एकमात्र ऐसा जीव है जो चल-फिर नहीं सकता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…