हर बार किस्मत का साथ न देना दुर्भाग्यपूर्ण और परेशान करने वाला : सात्विक…
तोक्यो, 27 अगस्त। विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हार से निराश सात्विकसाइराज रंकीरेड्डी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और परेशान करने वाला बताया तथा कहा कि संभवतः उन्हें भाग्य के साथ की भी जरूरत है। सात्विक और उनके साथी चिराग शेट्टी शनिवार को यहां पुरुष युगल के सेमीफाइनल में मलेशिया के आरोन चिया और सोह वूई यिक की छठी वरीयता प्राप्त जोड़ी से 77 मिनट तक चले मैच में 22-20, 18-21, 16-21 से हार गए। इस तरह से भारतीय जोड़ी ने कांस्य पदक जीतकर अपने अभियान का अंत किया। भारत का यह विश्व चैंपियनशिप में पुरुष युगल में पहला पदक है।
सात्विक ने सेमीफाइनल में हार के बाद कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है महत्वपूर्ण समय में भाग्य हमेशा हमारा साथ नहीं देता है। महत्वपूर्ण मौकों पर भाग्य ने उनका साथ दिया और उन्होंने नेट कॉर्ड से अंक बनाएं जो कि परेशान करने वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक समय 17-15 के स्कोर पर चिराग का रैकेट खराब हो गया था, इसलिए यह हमारे लिए हमेशा दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होती है। लगता है हमें अधिक पूजा करनी पड़ेगी और भगवान की शरण में जाना होगा। इस हार को पचाना आसान नहीं है।’’
भारतीय जोड़ी की मलेशियाई टीम के हाथों यह लगातार छठी हार है। उसे इस महीने के शुरू में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भी मलेशियाई जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा था। चिराग ने कहा, ‘‘हम थोड़ा निराश हैं। यह करीबी मुकाबला था और कोई भी इस में जीत दर्ज कर सकता था। यह कुछ अंकों का मामला था और भाग्य हमारे साथ नहीं था। पूरा श्रेय उन्हें जाता है उन्होंने अच्छा खेल दिखाया।’’ सात्विक ने कहा, ‘‘यह अच्छा मैच था। हमें दूसरे गेम में उन पर अधिक दबाव बनाना चाहिए था। हम थोड़ा सहज होकर खेलने लग गए थे और उन्होंने अपनी लय हासिल कर ली थी। हमें उन मौकों का फायदा उठाना चाहिए था।’’
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…