एआईएफएफ संविधान में खिलाड़ियों के लिये मताधिकार चाहते हैं भूटिया
कोलकाता, 22 अगस्त । महान फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया ने सोमवार को प्रशासकों की समिति को हटाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। सीओए 18 मई के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद से भारत में एआईएफएफ का कामकाज देख रहा था।
भूटिया ने बांग्ला फुटबॉल लीग के लांच से इतर कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय का आज का फैसला भारतीय फुटबॉल के हित में था। प्राथमिकता फीफा अंडर 17 महिला विश्व कप है जो भारत की प्रतिष्ठा का प्रश्न है। इसके अलावा भारत पर लगा प्रतिबंध भी हटवाना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी के लिये खिलाड़ियों, सीओए, प्रदेश संघों की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि भारत में महिला अंडर 17 विश्व कप हो और प्रतिबंध हटाया जाये।’’
भूटिया ने एआईएफएफ अध्यक्ष पद के लिये नामांकन भरा है। न्यायालय ने एआईएफएफ चुनाव के लिये मतदाता सूची में केंद्र और केंद्रशासित प्रदेशों के 36 प्रतिनिधियों को शामिल करने का निर्देश दिया जबकि भूटिया ने न्यायालय के पूर्व फैसले का समर्थन किया था जिसमें 36 खिलाड़ियों को भी मताधिकार देने की बात थी।
यह पूछने पर कि क्या पूर्व खिलाड़ियों को बाहर रखने के न्यायालय के फैसले से वह निराश है, उन्होंने कहा, ‘‘हां। मैने अपील की थी कि खिलाड़ियों की भी आमसभा में नुमाइंदगी हो लेकिन इस समय प्राथमिकता भारत पर लगा प्रतिबंध हटाना और अंडर 17 महिला विश्व कप की मेजबानी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ी संघर्ष करते रहेंगे और महासंघ तथा खेल मंत्रालय से अपील करते रहेंगे कि भविष्य में एआईएफएफ के संविधान में पूर्व फुटबॉलरों को मताधिकार हो। वे प्रशासन और निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं।’’
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…