यूएन में जैश कमांडर पर पाबंदी के भारतीय-अमेरिकी प्रस्ताव को टाल रहा चीन -चीन का पाकिस्तान के प्रति झुकाव वैश्विक आतंकवाद के खात्मे की राह में बाधक

यूएन में जैश कमांडर पर पाबंदी के भारतीय-अमेरिकी प्रस्ताव को टाल रहा चीन

-चीन का पाकिस्तान के प्रति झुकाव वैश्विक आतंकवाद के खात्मे की राह में बाधक

 

न्यू यॉर्क, 11 अगस्त । पाकिस्तानी आतंकी और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर पर पाबंदी के भारतीय-अमेरिकी प्रस्ताव को चीन लगातार टाल रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित होने के बाद भी चीन इससे पीछे हटता नजर आ रहा है। इसके पीछे चीन का पाकिस्तान प्रेम मूल कारण माना जा रहा है।

चीन का पाकिस्तान के प्रति झुकाव नई बात नहीं है किन्तु अब यह झुकाव वैश्विक आतंकवाद के खात्मे की राह में बाधक बन रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और भारत का एक प्रस्ताव लंबित है। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर पर प्रतिबन्ध लगाने वाले इस प्रस्ताव को चीन जान बूझकर टाल रहा है। अमेरिका तो वर्ष 2010 में ही रऊफ को आतंकवादियों की सूची में डाल चुका है। इसके बाद रऊफ को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव भी पारित हो चुका है किन्तु अब चीन इससे पीछे हटता नजर आ रहा है।

पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख संचालक मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर ने 1999 में महज 24 साल की उम्र में इंडियन एयरलाइंस के आईसी-814 विमान के अपहरण की साजिश रची थी। इस विमान में 173 लोग सवार थे। विमान के अपहरण के कारण भारत को रऊफ के बड़े भाई और जैश के सरगना मसूद अजहर को रिहा करना पड़ा था। तभी से रऊफ भारत के टॉप पांच मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल है। भारत में हुए जैश के आतंकी हमलों की योजना बनाने में असगर का ही नाम सामने आया है जिसमें 2001 का जम्मू कश्मीर विधानसभा पर हमला, संसद हमला, पठानकोट हमला, नगरोटा और कठुआ कैंप पर हमला और हाल ही में हुआ पुलवामा आतंकी हमला भी शामिल है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…