खाद्य तेल बाजार में गुजरात सरकार के दखल के बावजूद उपभोक्ताओं को कीमतों में नहीं मिल रही राहत
अहमदाबाद, 09 अगस्त । गुजरात सरकार ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह एक लीटर के पैक का मूंगफली का तेल 50 फीसदी रियायती दरों पर 100 रुपये में उपलब्ध कराएगी। फिर भी, खाद्य तेल की कीमतों में तेजी का रुख देखा जा रहा है और लोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है। मंगलवार को 17 लीटर वाले मूंगफली तेल टिन की कीमत 2,850 रुपये बताई गई, जो इस कैलेंडर वर्ष में अब तक का सबसे अधिक है। पाम तेल 17 लीटर वाला टिन 2,050 रुपये पर कारोबार कर रहा है।
इसके पीछे कारण यह है कि ज्यादातर तेल प्रसंस्करण इकाइयां बंद हैं, क्योंकि बाजार में मूंगफली का स्टॉक नहीं है और पाम कच्चे तेल का आयात एक छोटे ब्रेक के बाद खोला गया था। सौराष्ट्र ऑयल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष किशोर विराडिया ने कहा कि त्योहारी सीजन की मांग के कारण खुदरा बाजार अधिक है, जिससे कीमतें बढ़ रही हैं।
दूसरी ओर, राज्य सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत राशन कार्ड धारकों को 71 लाख लीटर मूंगफली का तेल वितरित करने जा रही है। गुजरात खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम के निदेशक तुषार ढोलकिया ने कहा कि आपूर्ति जारी है और गोकुलाष्टमी से पहले सरकार गरीब लोगों को वितरित करने का लक्ष्य रखती है।
ढोलकिया ने कहा कि राज्य सरकार 1.42 करोड़ लीटर मूंगफली का तेल खुले बाजार से खरीद रही है, बाकी 71 लाख लीटर दीपावली की पूर्व संध्या पर वितरित किया जाएगा।
विराडिया ने कहा, इससे कीमतों में तेजी आ सकती है, क्योंकि राज्य ने अपने मूंगफली स्टॉक में तेल की पेराई नहीं की है, यह खुदरा बाजार से तेल खरीद रही है। इसका हस्तक्षेप 71 लाख परिवारों, बाकी आम लोगों या कम आय तक सीमित है। समूहों को खुले बाजार की दया पर छोड़ दिया जाता है और इसलिए राज्य सरकार की घोषणा का बाजार की कीमतों पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…