भारत में 2032-33 तक 82.7 करोड़ हवाई यात्री यातायात रिकॉर्ड करने की संभावना

भारत में 2032-33 तक 82.7 करोड़ हवाई यात्री यातायात रिकॉर्ड करने की संभावना

 

नई दिल्ली, 09 अगस्त । आने वाले वर्षो में भारतीय हवाईअड्डों पर हवाई यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज होने की संभावना है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा किए गए आकलन के अनुसार, अखिल भारतीय कुल हवाई यात्री यातायात 2019-2020 के दौरान 34.1 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2032-33 तक लगभग 82.7 करोड़ होने की उम्मीद है। यात्रियों की संख्या में वृद्धि के साथ, सरकार देश में हवाईअड्डे के बुनियादी ढांचे में वृद्धि के लिए कई कदम उठा रही है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों गोवा में मोपा, नवी मुंबई, महाराष्ट्र में शिरडी और सिंधुदुर्ग, कलबुर्गी, विजयपुरा, हसन और शिवमोग्गा, मध्या प्रदेश में डबरा (ग्वालियर), उत्तर प्रदेश में कुशीनगर और नोएडा (जेवर), गुजरात में धोलेरा और हीरासर (राजकोट), पुडुचेरी में कराईकल, आंध्र प्रदेश में दगदार्थी (नेल्लोर), भोगापुरम और ओरवाकल (कुरनूल), पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर, सिक्किम में पाक्योंग, केरल में कन्नूर और अरुणाचल प्रदेश में होलोंगी (ईटानगर) की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

मंत्रालय के अनुसार, हवाईअड्डों के निर्माण की समय-सीमा विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है जैसे भूमि अधिग्रहण, अनिवार्य मंजूरी, बाधाओं को दूर करना, वित्तीय बंद करना आदि, संबंधित हवाईअड्डा डेवलपर्स द्वारा। परियोजनाओं के वित्तपोषण सहित हवाईअड्डा परियोजनाओं के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित हवाईअड्डा विकासकर्ता और संबंधित राज्य सरकार (यदि राज्य सरकार परियोजना प्रस्तावक है) की है।

हालांकि, इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन के रास्ते में आने वाले मुद्दों को सुलझाने के लिए सरकार द्वारा ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा परियोजनाओं की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है। अब तक, कुल 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों में से, जहां सैद्धांतिक को मंजूरी दी गई है, जिसमें दुर्गापुर, शिरडी, सिंधुदुर्ग, पकयोंग, कन्नूर, कालाबुरागी, ओर्वाकल और कुशीनगर सहित आठ ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों का संचालन किया गया है।

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि पिछले आठ वर्षो में भारत का नागरिक उड्डयन उद्योग पूरी तरह से बदल गया है। उन्होंने कहा, यूडीएएन योजना के तहत, हमारे पास 425 मार्ग हैं, जिनका लक्ष्य 1000 मार्गो तक जाना है, 68 नए हवाई अड्डों का लक्ष्य 100 हवाईअड्डों को छूना है। अगले 4 वर्षो में हम भारत में नागरिक उड्डयन के माध्यम से 40 करोड़ यात्रियों की उम्मीद कर रहे हैं। वह दिन दूर नहीं जब रेल परिवहन और सड़क परिवहन के साथ-साथ नागरिक उड्डयन भारत में परिवहन का आधार बन जाएगा।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…