अफ्रीकी क्षेत्र में जीवन प्रत्याशा 10 साल बढ़ी, दुनिया में सबसे अधिक: विश्व स्वास्थ्य संगठन
जोहानिसबर्ग, 06 अगस्त । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि 2000 से 2019 की अवधि के बीच अफ्रीकी क्षेत्र में प्रति व्यक्ति औसत जीवन प्रत्याशा में 10 वर्ष की वृद्धि पाई गई है। डब्ल्यूएचओ ने एक रिपोर्ट में बताया कि इस अवधि के दौरान दुनिया के किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में अफ्रीकी क्षेत्र में यह वृद्धि सबसे अधिक है। हालांकि, संगठन ने यह भी आगाह किया कि इस अवधि के अंत में कोविड-19 महामारी के कारण जीवन प्रत्याशा में वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने ब्रेज़ाविल में अपने मुख्यालय से शुक्रवार को एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन के दौरान ‘डब्ल्यूएचओ अफ्रीका क्षेत्र 2020- ट्रैकिंग यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज’ नामक एक रिपोर्ट का विवरण साझा करते हुए कहा कि लोगों की स्वास्थ्य स्थिति बेहतर है। यह वर्ष 2000 में 46 वर्ष की तुलना में 2019 में बढ़कर 56 वर्ष हो गयी है। रिपोर्ट के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ ने बताया कि अफ्रीका में जीवन प्रत्याशा में वृद्धि अब भी वैश्विक औसत दर (64) से काफी नीचे है। बहरहाल, इस अवधि में वैश्विक स्तर पर जीवन प्रत्याशा में केवल पांच वर्षों की वृद्धि हुई है।
अफ्रीका में जीवन प्रत्याशा बढ़ने के महत्वपूर्ण कारणों में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, प्रजनन, मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार और संक्रामक रोगों से निपटने की दिशा प्रगति शामिल रहे। विशेष रूप से, 2005 से ‘ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस’ (एचआईवी), तपेदिक और मलेरिया नियंत्रण उपायों में तेजी से वृद्धि के कारण स्वस्थ जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने में मदद मिली। अफ्रीकी महाद्वीप में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के कवरेज में सुधार हुआ और यह 2019 में 46 प्रतिशत हो गया, जबकि 2000 में यह 24 प्रतिशत था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां एक ओर संक्रामक रोगों की रोकथाम और उनका इलाज करने में महत्वपूर्ण उपलब्धियां मिलीं, वहीं दूसरी ओर उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों में भी वृद्धि हुई। अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मत्शीदिसो मोएती ने कहा, “पिछले दो दशक के दौरान स्वस्थ जीवन प्रत्याशा में तेज़ी से हुई वृद्धि बेहतर स्वास्थ्य और आबादी की भलाई के लिए क्षेत्र में चलाई गई मुहिम का सबूत हैं।’’ हालांकि, मोएती ने अन्य बीमारियों पर भी अधिक ध्यान देने का आह्वान किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारों को अपने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बजट में अधिक योगदान देना चाहिए।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…