खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा के लिए तीन सूत्रीय फाॅर्मूला दिया जयशंकर ने…
ताशकंद, 30 जुलाई। भारत ने कोविड महामारी एवं यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व में छाए ऊर्जा एवं खाद्य संकट से निपटने के लिए टिकाऊ एवं विविधतापूर्ण आपूर्ति श्रृंखला, बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार और आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टाॅलरेंस की नीति को आज आवश्यक बताया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उज़्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में आज आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में यह बात कही। बैठक में भारत के अलावा चीन, कज़ाखस्तान, किर्गीजिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के विदेश मंत्री शामिल हुए। बैठक के बाद डॉ. जयशंकर ने कहा कि बैठक में उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि कोविड महामारी और यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व को ऊर्जा एवं खाद्य संकट का सामना करना पड़ रहा है और इसका तत्काल एवं प्राथमिकता से समाधान करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए एक टिकाऊ एवं विविधतापूर्ण आपूर्ति श्रृंखला और संशोधित बहुपक्षीय प्रणाली की स्थापना तथा किसी भी तरह के आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टाॅलरेंस यानी कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति बहुत जरूरी है। विदेश मंत्री ने कहा कि बैठक में उन्होंने अफगानिस्तान को लेकर भारत के रुख को दोहराया और गेहूं, दवाएं, टीके, वस्त्र आदि की मानवीय सहायता को रेखांकित किया। उन्होंने एससीओ के आर्थिक भविष्य के लिए चाबहार बंदरगाह की क्षमता के बारे में भी बात की। डॉ. जयशंकर ने भारत की आर्थिक प्रगति की चर्चा की और स्टार्ट अप्स एवं नवान्वेषण की प्रासंगिकता पर भी जोर दिया। पारंपरिक औषधियों को लेकर परस्पर सहयोग एससीओ सदस्य देशों के लिए समान रूप से हितकारी है। विदेश मंत्री ने आज की बैठक को फलदायी बताया और कहा कि इससे समरकंद में 15 एवं 16 सितंबर को प्रस्तावित एससीओ शिखर-सम्मेलन की तैयारियों की दृष्टि से भी अधिक उपयोगी बताया। बाद में विदेश मंत्री ने कज़ाखस्तान, किर्गीजिस्तान, उज़्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के विदेश मंत्रियों और एससीओ के महासचिव से द्विपक्षीय मुलाकातें कीं।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…