सीडब्ल्यूलजी: साइकिलिंग, जिमनास्टिक में भारतीयों के सामने खुद को साबित करने की चुनौती
बर्मिंघम, 26 जुलाई । भारतीय जिमनास्ट राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी) की तैयारियों के दौरान हुए विवादों को पीछे छोड़कर अच्छे प्रदर्शन से प्रशंसकों का ध्यान फिर से इन खेलों की तरफ खींचना चाहेंगे तो वहीं देश की साइकिलिंग टीम चार साल के अंतराल पर होने वाले इस आयोजन से पदकों के सूखे को खत्म करने उतरेगी। इन दोनों खेलों में जो बात सामान्य है वह यह कि दोनों के कोच को हाल के दिनों में बदला गया है। जिमनास्टिक में महिला टीम के नामित कोच के साथ मुख्य कोच रोहित जायसवाल को पिछले सप्ताह राष्ट्रमंडल खेलों की टीम से हटा दिया गया था। जायसवाल के खिलाफ जिमनास्ट अरुणा बुड्डा रेड्डी ने बिना सहमति के उनकी वीडियोग्राफी करने का आरोप लगाया था। साइकिल टीम की महिला चालक ने स्लोवेनिया के विदेशी दौरे के दौरान मुख्य कोच के खिलाफ ‘अनुचित व्यवहार’ का आरोप लगाया था जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। जायसवाल के हटने के बाद अनुभवी कोच बिश्वेश्वर नंदी को जिम्नास्टिक टीम की जिम्मेदारी दी गयी। नंदी की देखरेख में दीपा करमाकर रियो ओलंपिक में मामूली अंतर से पदक से चूक कर चौथे स्थान पर रही थी। एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली 27 साल की प्रणति नायक महिला वर्ग में भारतीय चुनौती की अगुवाई करेंगी। तोक्यो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन करने पर आलोचना झेलने वाली प्रणति यहां ‘त्सुकाहारा 720-डिग्री मोड़’ और ‘हैंड्सस्प्रिंग स्ट्रेट बॉडी 540-डिग्री मोड़’ के साथ, दो बेहद मुश्किल माने जाने वाले वाल्ट में स्पर्धा करेंगी। महिला टीम में नंदी की शिष्या 18 साल की प्रतिष्ठा सामंता भी है। वह इस साल विश्व कप में चौथे स्थान पर रही है। पुरुषों की टीम में बंगाल के सत्यजीत मंडल, योगेश्वर सिंह और महाराष्ट्र के रहने वाले नौसेना के सैफ तंबोली शामिल हैं। मंडल पिछले महीने विश्व चैलेंज कप में अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण पर वॉल्ट स्पर्धा में पांचवें स्थान पर रहे थे। नंदी को भारतीय टीम से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे प्रणति और प्रतिष्ठा से काफी उम्मीदें है। दोनों में से कोई भी फाइनल में पहुंच सकता है। पहली चुनौती फाइनल के लिए क्वालीफाई करना है।’’ भारतीय जिम्नास्टिक खिलाड़ियों ने राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक तीन पदक जीते है। जिसमें दिल्ली खेलों में आशीष कुमार का रजत पदक टीम का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। साइकिलिंग में 13 सदस्यीय टीम एशियाई ट्रैक चैम्पियनशिप (एटीसी) के अच्छे प्रदर्शन को राष्ट्रमंडल खेलों में जारी रखकर अपना पहला पदक जीतने के लिए जोर लगायेगी। भारत को सबसे ज्यादा उम्मीदें रोनाल्डो सिंह से होगी। वह एटीसी सीनियर वर्ग में रजत जीतने वाले पहले भारतीय साइकिल चालक बने थे। टीम को एसो एल्बेन और डेविड बेकहम से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। महिलाओं में, ट्रैक साइकिलिस्ट मयूरी लुटे ने एशियाई चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन किया था।
जिम्नास्टिक टीम: पुरुष : सत्यजीत मंडल, योगेश्वर सिंह एंड सैफ तम्बोली
महिला: प्रणति नायक, ऋतुजा नटराज, प्रतिष्ठा समानता, बवलीन कौर
साइकिलिंग टीम: पुरुष: वाई रोजित सिंह, एल रोनाल्डो सिंह, ई डेविड बेकहम, एसो एल्बेन, विश्वजीत सिंह, नमन कपिल, वेंकप्पा शिवप्पा केंगालुगुट्टी, दिनेश कुमार, अनंत नारायणन। महिला: त्रियशा पॉल, मीनाक्षी, शुशिकला अगाशे, मयूरी लुटे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…